विदेशी कंपनी 6 तरह की जड़ी बूटियां रोहतास में उगायेगी


 रोहतास।न्यूयॉर्क आधारित वेदा फॉर्म कंपनी ने बिहार के रोहतास जिले में एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इस परियोजना के अंतर्गत भीम करूप गांव में "वेदा गुणवाटिका" नाम से छह प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी, जिसमें सफेद मूसली और पिपरमिंट प्रमुख हैं। कंपनी अपने वेदा वैरियर ब्रांड के अंतर्गत आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करती है, और इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक स्मृति मेघमाला चौबे द्वारा किया जा रहा है।


इस परियोजना के तहत पारंपरिक धान-गेहूं की खेती की तुलना में कम लागत और अधिक मुनाफे की संभावना है। स्मृति चौबे का कहना है कि कंपनी स्थानीय किसानों से सीधे जड़ी-बूटियाँ खरीदेगी, जिससे उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं से निजात मिलेगी। उनके पिता, अशोक चौबे, कैंसर की दवाओं में प्रयुक्त होने वाली जड़ी-बूटियों की खेती के लिए बिहार सरकार से नियमों में संशोधन की भी अपील कर रहे हैं। संतबिलास सिंह, एक स्थानीय किसान, का मानना है कि इस योजना से किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, और साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।


भारत की प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति, जिसकी जड़ें 5000 वर्षों पुरानी हैं, आज भी विश्व भर में प्रशंसित है। देशभर की विभिन्न जड़ी-बूटियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवाओं के निर्माण में अपना योगदान दे रही हैं। इस पहल से न केवल स्थानीय स्तर पर कृषि में नवाचार आएगा, बल्कि यह आयुर्वेदिक उद्योग के लिए भी एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर साबित हो सकता है।

इस नई पहल से रोहतास जिला आयुर्वेदिक खेती का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। किसानों को नयी संभावनाएं प्राप्त होंगी और क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ आयुर्वेदिक उत्पादों का वैश्विक बाज़ार में विस्तार भी सुनिश्चित हो सकेगा।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट