
ज्योति फुले शाहू आंबेडकर बहुजन मेला द्वितीय दिन संपन्न
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Apr 12, 2025
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अंबेडकर संविधान निर्माता ही नहीं क्रांतिकारी विचार समाज सुधारक मानवता के सच्चे प्रहरी -प्रोफेसर डॉक्टर अजायब लाल शास्त्री
कैमूर ।। ज्योतिबा फुले शाहू अंबेडकर बहुजन मेला समिति कैमूर भभुआ के तत्वाधान में डाक्टर भीमराव अम्बेडकर कल्याण छात्रावास भभुआ के परिसर में ज्योतिबा फुले शाहू अंबेडकर बहुजन मेला दूसरे दिन सम्पन्न हुआ।मेले की अध्यक्षता आनंद कुमार दिनकर एवं संचालन सरोज कुमार व उमेश कुमार गौतम ने किया।मेला के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ अजायब लाल शास्त्री ने कहा कि देश की आजादी से पूर्व महात्मा ज्योतिबा फुले माता सावित्रीबाई फुले छत्रपति शाहू महाराज संतो गुरुओं एवं बहुजन महापुरुषों ने एक ऐसे दौर में सामाजिक जागरूकता की मशाल जलाई जब समाज में समानता का अधिकार एक मात्र सपना था। उस काल में महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। बहुजन वर्ग को पढ़ने लिखने सोचने और अपने अधिकारों की बात करने तक का अधिकार नहीं था। लेकिन इन महापुरुषों ने इस चुनौतियों का डटकर सामना किया, बल्कि उस समय की विषम परिस्थितियों में भी सामाजिक न्याय शिक्षा और समानता के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने हमें यह सिखाया कि अगर समाज में बदलाव लाना है, तो पहले खुद को शिक्षित करना होगा, संगठित होना होगा, और संघर्ष करना होगा।डॉक्टर शास्त्री ने यह भी कहा कि आज का यह मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि उन क्रांतिकारी विचारों की गूंज है, जिन्होंने समाज को जागरूक किया, आत्म -सम्मान की भावना को पैदा किया और बहुजन समाज को दिशा दिया बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर न केवल भारत के संविधान निर्माता थे ,बल्कि वो एक क्रांतिकारी विचारक समाज सुधारक और मानवता के सच्चे प्रहरी थे। उन्होंने अपने जीवन में सभी महापुरुषों ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई फुले शाहू जी महाराज संत कबीर संत रविदास और अन्य संतों के विचारों को गहराई से अध्ययन किया। उन्होंने इन विचारों को सिर्फ पढ़ा नहीं बल्कि उन्हें आत्मसात कर अपने जीवन दर्शन और सामाजिक दृष्टिकोण का हिस्सा बनाया।बाबा साहब ने समझा कि अगर इस देश के सही मायनों में आजादी चाहिए, तो केवल राजनीतिक आजादी से काम नहीं चलेगा सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक आजादी भी उतनी ही जरूरी है। इसलिए उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में ऐसा ढांचा प्रस्तुत किया, जिसमें हर जाति धर्म वर्ग भाषा और लिंग के व्यक्ति को सम्मान अधिकार मिले। बसपा केंद्रीय प्रभारी बिहार सह अधिवक्ता सुरेश राव ने कहा कि बहुजन महापुरुषों की विचारधारा एवं उनके संघर्षों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है ताकि उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेकर समाज में समता भाईचारा और जागरूकता का संदेश पहुंच सके। मेले को विशिष्ट अतिथि डॉ उपेंद्र कुमार निराला, डॉ नागमणि प्रसाद, डॉ केशवर प्रसाद भारती,शेष मुनि सिंह पटेल,रामनगीन पाल,विजय कुमार, रविंद्र कुमार, सोनू कुमार भारती,रवि कुमार, छात्र अध्यक्ष विपिन कुमार, पुरुषोत्तम कुमार,अनुज कुमार, बबलू कुमार,रविरेक्ष, मनोज कुमार, जिला अध्यक्ष बसपा कैमूर छोटे लाल राम, कैमूर जिला प्रभारी विष्णु कुमार भूषण,जिला सचिव बसपा कैमूर संतलाल राम, पूर्व मुखिया रामकुमार राम, ओमप्रकाश कुमार, चन्द्रमा कुमार, महेंद्र राम आदि लोगों ने सम्बोधित किया।मेले में महापुरुषों से संबंधित पुस्तक के गैलरी लगाया गया।
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