
पुस्तकें हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा"
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Apr 23, 2025
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रोहतास ।विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर काशी काव्य संगम रोहतास जिले के जिला संयोजक कवि सह साहित्यकार सुनील कुमार रोहतास ने बताया कि पुस्तकें हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रही हैं। जबसे हमने होश संभाला है, तबसे पुस्तकों ने हमें दिशा दी है, विचार दिए हैं, संस्कार दिए हैं। जो कुछ भी हम आज हैं, कहीं न कहीं उसके पीछे पुस्तकों का योगदान है।
बचपन से लेकर आज तक हम पुस्तकें पढ़ते आए हैं—धार्मिक ग्रंथ, आत्मकथाएँ, उपन्यास, विज्ञान या दर्शन की पुस्तकें। पर आज के दौर में, सोशल मीडिया ने हमारे पढ़ने की इस आदत को धीरे-धीरे क्षीण कर दिया है। जहाँ कभी हम एकांत में पुस्तक पढ़ा करते थे, अब वहाँ स्क्रीन की चमक और स्क्रॉल की गति ने जगह ले ली है।
अब भी कुछ लोग प्रतिदिन धार्मिक ग्रंथों का पठन करते हैं, यह अत्यंत सराहनीय है। लेकिन क्या हम कभी ठहर कर सोचते हैं कि उस ग्रंथ से हमने वास्तव में क्या सीखा? क्या हमने लेखक की भावनाओं को, उसके द्वारा दिए गए ज्ञान को, हृदय से आत्मसात किया?
एक लेखक अपने ग्रंथ या पुस्तक में वर्षों का चिंतन, अनुभव और अध्ययन समेट देता है—गागर में सागर भर देता है। और हम केवल उसे पढ़कर आगे बढ़ जाएँ, तो यह उस ज्ञान के साथ न्याय नहीं होगा।
आवश्यक नहीं कि हम हर दिन अनेक पृष्ठ पढ़ें। यदि हम एक ही पंक्ति को पूरी तरह समझें, उस पर मनन करें, तो वही हमें जीवन की नई दृष्टि दे सकती है।
आज के डिजिटल युग में, जब ध्यान क्षणों में भटक जाता है, पुस्तकों के साथ ठहरना और सोच के साथ पढ़ना और भी आवश्यक हो गया है।
"पुस्तक शंका के साथ पढ़ना शुरू करें और समाधान के साथ पढ़ना बंद करें।"
"विश्व पुस्तक दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, आज एक बार फिर पुस्तक से दोस्ती करे।
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