
घायल बंदर का रेस्क्यू करने में वन विभाग की टीम रही नाकाम, घंटों मशक्कत के बाद खाली हाथ लौटी टीम
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Aug 04, 2025
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जिला संवाददाता संदीप कुमार की रिपोर्ट
कैमूर-- जिला के मोहनियां नगर के वार्ड नंबर 7 में एक घायल बंदर के छत पर पड़े होने की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम कड़ी मशक्कत के बाद भी उसे पकड़ने में विफल रही। बंदर घायल अवस्था में ही एक जगह से दूसरी जगह जाकर छिप गया, जिसके बाद वन विभाग की टीम को निराश होकर लौटना पड़ा। खबर लिखे जाने तक बंदर एक ही स्थान पर चुपचाप बैठा हुआ था, जिससे स्थानीय लोगों में उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहनिया के वार्ड नंबर 7 में स्थानीय लोगों ने एक बंदर को घायल अवस्था में एक छत पर देखा। बंदर के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए और किसी अनहोनी की आशंका के चलते लोगों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलने पर वन विभाग के तीन कर्मचारी मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वन विभाग की टीम ने बंदर को पकड़ने के लिए जाल फेंकने और अन्य उपायों का सहारा लिया, लेकिन चालाक बंदर हर बार उनके चंगुल से बच निकला। इस दौरान घायल बंदर एक छत से दूसरी छत पर कूदता रहा और अंत में एक ऐसी जगह जाकर छिप गया जहाँ पहुँचना मुश्किल था। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भी जब टीम बंदर को काबू में नहीं कर पाई, तो वे वापस लौट गए। गौरतलब है कि कैमूर जिले के कई इलाकों में बंदरों का आतंक एक आम समस्या बनी हुई है। भोजन की तलाश में बंदर अक्सर रिहायशी इलाकों में घुस जाते हैं, जिससे कई बार इंसानों और बंदरों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है। वन विभाग द्वारा समय-समय पर बंदरों को पकड़कर कैमूर की पहाड़ियों में छोड़ने का अभियान भी चलाया जाता रहा है। फिलहाल, वार्ड नंबर 7 के निवासी घायल बंदर को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि अगर बंदर का समय पर इलाज नहीं हुआ तो उसकी जान जा सकती है। साथ ही, घायल बंदर के आक्रामक होने का भी खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से पुनः प्रयास कर बंदर को सुरक्षित रेस्क्यू करने और उसका इलाज कराने की अपील की है।
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