ऑपरेशन चक्रव्यूह में चार गिरफ्तार
- रिंकू गुप्ता वाराणसी रिपोर्टर
- Oct 15, 2025
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वाराणसी : लहरतारा इलाके में सोमवार को पुलिस ने ऑपरेशन ‘चक्रव्यूह’ के तहत चेकिंग के दौरान एक ओवरलोडेड पिकअप वाहन से 6 करोड़ रुपये की 467 किलो चांदी और 662 किलो गिलट (नकली सफेद धातु) बरामद कर सनसनी फैला दी। कुल 1129 किलो सफेद धातु से भरी यह खेप देखकर पुलिस से लेकर आयकर विभाग तक हैरान रह गया।
सिगरा थाना क्षेत्र की पुलिस टीम जब लहरतारा चौराहे पर वाहनों की जांच कर रही थी, तभी एक पिकअप वाहन ओवरलोड हालत में दिखा। पुलिस ने रोककर ड्राइवर से माल की जानकारी मांगी, तो उसके जवाब संदिग्ध लगे। जब गाड़ी की तलाशी ली गई, तो एक के बाद एक सफेद धातु से भरे पैकेट निकलने लगे। पहले पुलिस को यह नकली धातु (गिलट) लगा, लेकिन जांच बढ़ने पर असली चांदी के ब्लॉक, सिक्के और पायलों के पैकेट बरामद हुए।
मौके पर तत्काल आयकर विभाग को सूचना दी गई। विभाग की टीम ने पहुंचकर माल की तौल कराई, जिसमें 467 किलो शुद्ध चांदी और 662 किलो गिलट पाई गई। चांदी की कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है, जो वाराणसी के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हैं।
एडीसीपी सर्वण टी. ने बताया कि यह कार्रवाई ऑपरेशन ‘चक्रव्यूह’ के तहत की गई। उन्होंने बताया कि गाड़ी में मौजूद किसी भी व्यक्ति के पास धातु के दस्तावेज नहीं थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह माल आगरा और मथुरा से वाराणसी लाया जा रहा था।
जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क पिछले कई महीनों से सक्रिय था। आरोपी लोग चांदी के छोटे-छोटे पार्सल प्राइवेट बसों से भेजते थे, जो वाराणसी पहुंचने के बाद स्थानीय ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के जरिए आगे सप्लाई किए जाते थे। सूत्रों के मुताबिक, त्योहारी सीजन में चांदी की बढ़ती मांग को देखते हुए इस अवैध नेटवर्क के जरिए काले धन को सफेद करने की कोशिश की जा रही थी।
बरामदगी के बाद पुलिस और आयकर विभाग की संयुक्त टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है। जांच इस दिशा में की जा रही है कि बरामद चांदी का स्रोत और गंतव्य कौन था। विभाग यह भी खंगाल रहा है कि क्या इस तस्करी के पीछे कोई बड़ा कारोबारी या ज्वेलर शामिल है।
दिवाली से पहले हुई इस बड़ी कार्रवाई ने चांदी के अवैध कारोबारियों में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों के कॉल डिटेल्स, वित्तीय लेन-देन और संपर्कों की जांच कर रही है। फिलहाल यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि आखिर करोड़ों की यह चांदी किसकी थी और किसकी तिजोरी तक पहुंचने वाली थी।


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