
आखिर शराब मिलता कहां है- थाना प्रशासन द्वारा थाना क्षेत्र से तीन शराबियों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Oct 22, 2025
- 106 views
अनुमंडल संवाददाता सिगासन सिंह यादव की रिपोर्ट
कैमूर-- जिला के भभुआं अनुमंडल अंतर्गत भगवानपुर थाना प्रशासन द्वारा थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग स्थानों से शराब की नशे में धुत्त तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा गया न्यायिक हिरासत में।
संदर्भ में थाना अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा के द्वारा बताया कि यह कार्रवाई मेरे निर्देश पर पीटीसी विनोद यादव और एएसआई गुरुशरण महतो की टीम ने की।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग शराब के नशे में अपने घरों में हंगामा और मारपीट कर रहे हैं। सूचना के आधार पर छापेमारी की गई, जिसमें तीनों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार है।1. विजय राम, पिता — बालकिशन राम, साकीम सरैया 2. प्राण राम उर्फ परसराम, पिता — रामाश्रय राम, साकीम पंडरी 3. आशुतोष पंडित, पिता — अभिमन्यु पांडे, थाना भगवानपुर तीनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर में मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। थाना अध्यक्ष ने बताया कि मद्य निषेध कानून के तहत लगातार कार्रवाई जारी है। गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, इसके बावजूद कई क्षेत्रों से शराब सेवन और बिक्री के मामले सामने आ रहे है।
आखिर शराब मिलता कहां है?
अब सवाल यह उठता है की जब सभी थानाध्यक्षों द्वारा यह कहा जा रहा हो की हमारे क्षेत्र में शराब की बिक्री नहीं हो रहा है, तो शराब आता कहां से है। बिहार सरकार चाहे शराबबंदी कानून को पूर्ण रूप से लागू करने हेतु चाहे जितना भी दंभ भरा, पर धरातल से देखा जाए तो शराबबंदी ना के बराबर है। पहले की अपेक्षा शराबबंदी लागू होने के बाद शराब की सेवन करने वालों की मात्रा में इजाफा हुआ है। शासन प्रशासन द्वारा आए दिन शराब सेवन करने वाले को पकड़ कर दंभ भरा जाता है और बड़े ही शान शौकत से दिखाया जाता है कि हमने इतने शराबियों को गिरफ्तार किया। पर सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वह आसमान से लाकर शराब पीते हैं या पीने वाले खुद ही बनाते हैं, यदि खुद ही बनाते हैं तो भी शराब उत्पादक यंत्र को दिखाया जाना चाहिए या नहीं तो देखने से तो ऐसा ही प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन की मिली भगत से शराब की कारोबार फल फूल रहा है और मात्र सेवन करने वाले को पड़कर कोटा पूर्ति किया जा रहा है।
रिपोर्टर