
मुखिया के लिए मलाईदार साबित हो रहा कोरोना त्रासदी
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Apr 07, 2020
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राकेश यादव की रिपोर्ट
बछवाडा़ (बेगूसराय) ।। कोराना कहर की त्रासदी जहां आम आवामों के लिए महामारी घोषित है,वहीं पंचायतों के मुखियाओं के लिए मलाईदार साबित हो रहा । कोराना संक्रमण से बचने के लिए सरकार नें लाॅकडाउन तो कर दिया है, साथ हीं इसके साइड इफेक्ट के तौर पर उत्पन्न होने वाले समस्याओं से निजात के लिए भी कइ द्वार खोल दिए हैं । आम तौर पर देखा जाए तो मुख्यालय से सुदूर प्रखंडों व गांवों के सरकारी अस्पतालों में मास्क ,सेनेटायजर एवं साफ-सफाई के समुचित साधन का आभाव है । इसके लिए बिहार सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पत्रांक 13/गोपनीय दिनांक 26 मार्च 2020 के माध्यम से कोराना महामारी को हराने के उद्देश्य से पंचम वित्त आयोग के धन राशि का व्यय कर हर सम्भव मदद पहुंचाने को कहा है । उपलब्ध कराये गये राशि को खर्च करने का पुर्ण अधिकार सम्बंधित पंचायतों के मुखियाओं को दी गयी है । ग्राम पंचायतों को यह विशिष्ट जिम्मेवारी दी गयी है कि सरकार द्वारा विकसित की गयी सामग्रियों ,साधनों एवं लाॅकडाउन में उत्पन्न होने वाली जनसमस्याओं का पर्याप्त प्रचार-प्रसार लगातार कराया जाना है । जबकि जमीनी हकीक़त यह है कि एक-दो दिन लाउडस्पीकर माइकिंग की महज़ औपचारिकता हीं पुरी की गयी है। इस संदर्भ में सीपीआई के सहायक अंचल मंत्री प्यारे दास कहते हैं कि सरकार द्वारा धन राशि मुहैया कराये जाने के बाद भी कोराना के प्रति जागरूकता एवं इसके प्रचार-प्रसार को स्थानीय मुखिया के द्वारा संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है । सही मायने में अगर मामले की निष्पक्ष जांच करायी जाए तो एक बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है । ग्राम पंचायतों को राशि उपलब्ध कराने के साथ यह भी जिम्मेवारी दी गयी है कि गांवों में पंचायत सरकार भवन , पंचायत भवन , सामुदायिक भवन अथवा विद्यालय भवनों में स्थापित आइसोलेशन सेंटर पर स्वच्छ पेयजलापूर्ति , शौचालय , भवन एवं इसके आसपास स्वच्छता एवं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना है । वैसे केन्द्र जहां पुर्व से पेयजलापूर्ति एवं शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है वहां व्यर्थ खर्च नहीं किए जाने हेतु सरकार ने चेताया है मगर प्रतिदिन के आधार पर अच्छी साफ-सफाई बरतने पर भी विशेष बल दिया गया है । पुर्व विधायक अवधेश राय ने कहा कि आइसोलेशन भवन एवं उसके आसपास पुर्ण रूप से स्वच्छता बरतना है । जबकि अक्सर यह देखा गया है कि आइसोलेशन केन्द्र के आसपास गंदगी का अंबार पाया गया है अधिकतर केन्द्रों पर मरीजों के सोने हेतु एक अदद चारपाई तक की व्यवस्था नहीं है । केन्द्रों पर रखे गये लोगों को जमीन पर हीं सोने की विवशता है । उपरोक्त मामले को लेकर बिहार सरकार नें पुनः पत्रांक 19/गोपनीय दिनांक 01 अप्रैल 2020 के माध्यम से प्रधान सचिव अमृतलाल मीना नें निर्देश दिया है कि पंचायतों के विभिन्न वार्डों में आमजनों के बीच मास्क ,सेनेटायजर , ग्लब्ज एवं साबुन का वितरण किया जाना है , जरूरत पड़ी तो और भी राशि पंचायतों को उपलब्ध करायी जाएगी । गांवों मुहल्ले में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जाना है। ग्रामीण गुड्डू कुमार , दिग्गज कुमार ,सुनील राय ,मनी कुमार आदि ने बताया कि मुखिया के द्वारा कोई मास्क ,सेनेटायजर , ग्लब्ज व साबुन का वितरण नहीं किया है। सरकारी आदेश के पंद्रह दिन गुजने के बाद भी मुहल्लों में ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव नहीं किया गया है ।
क्या कहते हैं अनुमंडलाधिकारी निशांत कुमार
सभी मुखियाओं को जिला कार्यालय एवं अनुमंडल कार्यालय द्वारा आवश्यक निर्देश दिए जा चुके है । आशा है कि जल्द हीं मुखिया के द्वारा कार्यों को पटल पर लाया जाएगा ।
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