कोरोनटाइन सेंटर में प्रवासियों का आना शुरू , पुलिस प्रशासन मुस्तैद

देवेन्द्र कुमार के साथ नरेन्द्र कुमार भारती की रिपोर्ट

जमुई / झाझा ।। देर शाम प्रवासियों का झाझा कोरनटाइन सेंटर में आना शुरू हो गया, कयी जगहों से आए हुए प्रवासियों का मेडिकल जांच किया गया . फिर उन्हें एक किट दिया गया, जिसमें लूंगी, धोती, गंजी, थाली, कटोरी, गिलास, ब्रश, पेस्ट, साबुन, शैंम्पू, मग, बाल्टी आदि और भी कई सामान देकर उनको रहने के लिए 1 बेड दिया गया, प्रत्येक बेड 10 फीट की दूरी पर लगाए गए .झाझा में प्रखंड कार्यालय के नए बिल्डिंग को कोरोनटाइन सेंटर बनाया गया है, वहीं प्रशासन मुस्तैद है . जैसे कि भारत सरकार के द्वारा किए गए यह सराहनीय कदम है कोरोना वायरस की महामारी के दौर में गरीबों का ही जीना दूभर हो रहा है, गरीब अपने पेट पालने के लिए दूर जाकर काम करता है, जिससे उनकी और उनके पुरे परिवार की रोजीरोटी चलती है, लेकिन ऐसी वैश्विक स्थिति में सरकार लॉक डाउन करने पर विवश है, लगभग 45 दिनों तक अपने घर से बाहर दूर में रहकर काम करने वाले मजदूर इन दिनों उनके पास कोई काम नहीं, आय का कोई स्रोत नहीं ऐसे में इन मजदूरों का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है, इन्हें अपने घर भेजने के लिए सभी राज्यों के सरकारों का यह एक सराहनीय कदम है, लेकिन थोड़ी सावधानी से, हमारी थोड़ी सी भी असावधानी हमे बहुत नुकसान कर सकती है, आज झाझा प्रखंड कार्यालय के नई बिल्डिंग में 30 लोग आए जिसमें 6  किशोरावस्था के युवक थे, उनका कहना था वह लोग राजस्थान कोटा से आ रहे हैं वहा वे पढाई करते हैं, उन्होंने अपनी गाड़ी बुक कर वहां से आए और उन्होंने बताया कि सभी राज्यों के बॉर्डर पर उनका मेडिकल जांच किया जा रहा था, झाझा आने के बाद भी इन का मेडिकल जांच हुआ, 24 आदमी बस से आए उन्होंने बताया वे ओल्ड फरीदाबाद से आ रहे हैं, ओल्ड फरीदाबाद से हम लोग ओल्ड फरीदाबाद से अपने घर के लिए साइकिल से निकले वहां से हम लोग बिहार बॉर्डर गोपालगंज तक साइकिल से आए, वहां से सरकार के द्वारा भेजा गया बस से झाझा पहुंचे, ये लोग झाझा प्रखंड के ही दुअरपहडी गांव, बोड़वा, कुमहैनी आदि गांव के रहने वाले हैं, झाझा प्रखंड कार्यालय के नई बिल्डिंग में प्रवासियों के लिए रहने के लिए बेड और खाने के लिए मेष की व्यवस्था की गई है जहां उसे पौष्टिक खाना समय - समय पर दिया जायेगा.

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