तीन चाय दुकान पर होती त्रिकोडात्मक चुनाव की चर्चा

दुर्गावती से  धीरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट

दुर्गावती ( कैमूर ) ।। बिहार विधानसभा चुनाव के मध्य नजर दुर्गावती प्रखंड में चर्चित दुर्गावती बाजार और प्रखंड मुख्यालय के चाय दुकानों से चाय की चुस्की के साथ रामगढ़ विधानसभा के त्रिकोड़ात्मक संघर्ष पर इन दिनों क्षेत्रीय नेताओं कार्यकर्ता और जनता के बीच तीखी बहस देखने को मिलती है ।वैसे तो चुनाव इस बार का भी ज्यादातर जातीय समीकरण की तरफ  मोड़ लेते नजर आ रहा है। लेकिन चौक चौराहे पर जब विकास के बात छिड़ती है तो व्यक्तिगत कामों पर आकर अटक जाती है। 5 साल भाजपा विधायक अशोक सिंह उपचुनाव और 5 साल बिधायक रहे अंबिका यादव वही भाजपा के टिकट पर चुनाव प्रत्याशी पूर्व में प्रत्यासी रहे सुधाकर सिंह जो आज राजद के प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरे हैं उनके व्यक्तिगत क्रियाकलाप के माध्यम से जनता की सेवा को भी आधार दिया जा रहा है। वही बुद्धिजीवी वर्ग इन उम्मीदवारों के काम की समीक्षा कर रहा है तो साधारण तौर पर आम जनता जातिगत आधार पर चुनाव में  विजई बनाने का तर्क दे रहे है ।बता दें कि गांव में रहने वाले लोग यह भी कहते हैं कि अमुक नेता हमारे दरवाजे पर नहीं आया और हमारे विरोधी के दरवाजे पर गया वही वैसे ग्रामीण यह भी कहते नजर आ रहे हैं की फला नेता के यहां मैं फोन किया था गाड़ी छुड़ाना ब्लॉक में पैरवी  करना जैसे काम  को भी चुनाव में अपना मुद्दा बनाए हुए है ।अपने सम्मान और अपमान को मुद्दा बनाकर इस चुनाव में प्रत्याशियों की तलाश कर वोट देने की बात कर रहे हैं। दुर्गावती बाजार के हनीफ चाय दुकान सुरेश चाय दुकान प्रखंड मुख्यालय के सरोज चाय दुकान पर इन दिनों तरह-तरह की बातें सुनने को मिल रही है ।यहां तक की नेताओं के द्वारा गाड़ी से जाते समय गाड़ी नहीं खड़ा करना प्रणाम नहीं करना भी इस चुनाव में जनता तलाश रही है। जमीनी धरातल पर चाय की तीनों दुकानों से चुस्की तो तीनों दुकानों से खुला से आरोप-प्रत्यारोप एक-दूसरे पर छींटाकशी का दौर जारी है अब देखना यह है कि जनता मान अपमान दंड प्रणाम जाति पाति या विकास या उम्मीदवारों की कार्यक्षमता पर सही निर्णय ले पाती है यदि जनता चुनाव के दौरान सही निर्णय ले पाती है

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट