सिक्स लेन निर्माण कार्य के लिए दुर्गावती बाजार से अतिक्रमण को हटाया गया।

दुर्गावती से  धीरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट।

  दुर्गावती ( कैमूर ) ।। थाना क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन सड़क जो दिल्ली टू कोलकाता नेशनल हाईवे एनएच दो पर वाराणसी से औरंगाबाद के बीच अंडर कंट्रकसन सिक्स लेन के निर्माण को लेकर एनएचएआई और जिला प्रशासन काफी सख्त हो गया है दरअसल सितंबर 2011 में वाराणसी से औरंगाबाद के बीच नेशनल हाईवे एनएच  दो को सिक्स लेन में तब्दील करने की योजना बनी और तब शुरुआती दौर में निर्माण गति तेज थी लेकिन धीरे-धीरे निर्माण का काम काफी धीमीगति से हो गया एक तरफ सिक्स लेन निर्माण में लगी कंट्रक्शन कंपनी ने आरोप लगाया कि मौके पर जमीन ही उपलब्ध नहीं है जमीन उपलब्ध कराना स्थानीय जिला प्रशासन का काम है दूसरी तरफ एनएचएआई ने सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा जिले के भू अर्जन विभाग के खाते में जमा भी कर दिया गया पर सभी तो नहीं पर बहुते लोग मुआवजे की दर के सवाल पर अदालत चले गए तो ये मामला दिन प्रतिदिन उलझता चला गया ऐसे में निर्माण कार्य की डेड लाइन बार-बार बदलती रही लेकिन जैसे ही सड़क निर्माण में लगी कंट्रक्शन कंपनी ने एनएचआई पर सोलह सौ करोड़ का हर्जाना लगाया तो एनएचआई की भी नीद खुली ऐसे में अदालत ने सभी जिला अधिकारियों को तलब किया और हर हाल में दिसंबर 2020 तक सिक्स लेन निर्माण  कार्य के लिए अधिग्रहण की गई जमीन को खाली कराने का आदेश दे दिया तब जाकर कैमूर जिला प्रशासन पुलिस के सहयोग से मौके पर मौजूद एनएचएआई के अधिकारी सख्ती दिखाकर कच्चे पक्के मकान को गिराने में जुटे हुऐ हैं ऐसे में बुधवार को एनएचएआई के अधिकारी दुर्गावती बाजार में पहले फुटपाथ पर अतिक्रमण  को हटाया और इसके बाद पक्के आधारभूत संरचनाओं के मालिकों को भी मकान खाली करने का आदेश दे दिया है तो दूसरी तरफ उचित मुआवजे को लेकर कैमूर डीएम के न्यायालय में मुकदमा किया गया है जिसका अभी तक फैसला नहीं हुआ है दुर्गावती बाजार के लोगों ने कहा कि 1 माह पहले ही एनएचआई के द्वारा हम लोगों को नोटिस दिया गया था इसके पहले नहीं बताया गया जबकि 2002 में हुए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा 2020 के भूमि अधिग्रहण से कहीं ज्यादा था बता दें कि सन 2018 एवं 2019 में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक से फाइनेंस कराया था और कहा था कि जरूरत के समय कंस्ट्रक्शन कंपनी को बैंक के द्वारा पैसा नहीं दिया गया और ऐसे में भी बीच-बीच में रुकता रहा आखिर बार बार जब निर्माण शुरू हुआ तो ऐसे में एनएचआई ने मौके पर मौजूद जमीन पर ही सड़क बनाने के लिए कंट्रक्शन कंपनी को आदेशित किया लेकिन मामला अदालत में जाने की वजह से उलझ गया और करो ना काल में न्यायालय के बंद होने की वजह से दिक्कतें का सामना करना पड़ा मामला को देखते हुए मुख्य जज ने इस मुकदमे की सुनवाई करता रहा और सभी जिला अधिकारियों को 16 नवंबर 2020 तक जमीन को खाली करने का आदेश जारी किया गया है।

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