
प्रशासन की मिलीभगत से नही बन रहा चकमार्ग
- संदीप मिश्र, ब्यूरो चीफ जौनपुर
- Mar 26, 2021
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खुटहन, जौनपुर।
जनपद के स्थानीय विकास खण्ड खुटहन के ग्राम सभा खुटहन के चकमार्ग संख्या 192 की पैमाइश दिनांक 17/09/2020 को श्रीमान तहसीलदार महोदय की उपस्थिति में तीसरी बार होने के बावजूद मिट्टी का कार्य नहीं हो पा रहा है क्योंकि गाँव के ही मिथलेश यादव का आरोप है कि इस चक मार्ग पर गांव के ही दबंग व्यक्ति रामकेदार यादव पुत्र बासुदेव यादव 40 वर्षों से कब्जा कर के जोतकर धान और गेहूं की फसल काट रहे हैं और दूसरी तरफ से जियालाल यादव पुत्र अद्याप्रसाद यादव जो कि दबंग किस्म के व्यक्ति है जो अपने चचेरे भाई विवेक यादव पुत्र राजपति यादव के साथ गुट बनाकर चकमार्ग पर गंदी नाली बनाकर कब्जा किये हुये है।
इस चकमार्ग पर मिट्टी का कार्य करवाने के लिये ग्राम के ही मिथलेश कुमार का प्रयत्न लगातार जारी है जो कि सरकारी अधिकारियों और प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते अभी तक एक अदद मार्ग को तरस रहे हैं। मिथलेश कुमार द्वारा बार-बार आईजीआरएस पर शिकायत करने के बाद जब क्षेत्रीय लेखपाल और खण्ड विकास अधिकारी को पता चला कि आज दिनांक 23 मार्च 2021 को शाहगंज से कोई अधिकारी इस चकमार्ग के जाँच में आ रहा है तो ये लोग विपक्षियों कोे आनन-फानन में सूचना दे कर महोदय के आने के 20 मिनट पहले गेहूं कटवा दिये और बता रहे हैं कि चकमार्ग खाली है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण फोटो में देखा जा सकता है।
प्रशासन को आमजन की समस्या को प्राथमिकता देते हुए इस मामले को संज्ञान में लेकर चकमार्ग को अवैध कब्जे से मुक्त करवाकर और इस पर मिट्टी का कार्य करवाकर आम जनता के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
बार-बार इस मामले को खण्ड विकास अधिकारी खुटहन के पास मिथलेश द्वारा आवेदन कर के सूचित किया जा रहा है जिसके बावजूद आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है कि चकमार्ग पर परसों काम हो जायेगा या अगले सप्ताह हो जायेगा जबकि आज तक इस पर कोई कार्य नहीं हुआ।
यह खबर 31 दिसम्बर 2020 को अखिल भारतीय हिंदी समाचार में --‘‘चकमार्ग में रुकावट डाल रहे व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही से कतरा रहा है प्रशासन’’ हेडलाइन के नाम से छपी भी है किन्तु प्रशासन ने इस खबर को कोई महत्व नही दिया क्योंकि आम लोगों की समस्या से योगी सरकार का मतलब तो अखबारों व समाचारों में दिखता है लेकिन कर्मचारियों पर उसका नाम मात्र भी असर नहीं है। क्या एक मार्ग जो सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है उसका बन जाना प्रशासन के लिये दुखदायी है ?
जब लोगों को बिजली पानी सड़क की समस्या बनी ही है तो विकास क्या सरकारी रजिस्टरों में ही हो रहा है।
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