
भिवंडी में तीन साल में उग आईं 291 अवैध इमारतें
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Aug 01, 2025
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क्या भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी इमारतों पर चलेगा प्रशासनिक हथौड़ा ?
आयुक्त अनमोल सागर सख्त, जांच शुरू — सवालों के घेरे में पूर्व अधिकारी
भिवंडी। भिवंडी-निज़ामपुर शहर महानगर पालिका की प्रशासनिक लापरवाही और गहरी मिलीभगत ने शहर को एक बार फिर हिला कर रख दिया है। नगर पालिका क्षेत्र में नवंबर 2022 से अब तक 291 अवैध इमारतों का निर्माण हुआ है। यह खुलासा किसी बाहरी संस्था ने नहीं, बल्कि स्वयं प्रशासक और आयुक्त अनमोल सागर ने किया है। इन आंकड़ों ने साफ कर दिया है कि प्रभाग समितियों में बैठे कुछ जिम्मेदार अधिकारी ही अवैध निर्माण के संरक्षक बन बैठे थे।
बोली से मिलती थी कुर्सी, खुल कर होता था खेल ::::::
सूत्रों के मुताबिक बीते कुछ वर्षों में प्रभाग समिति में प्रभारी सहायक आयुक्त पद पाने के लिए मुँहबोली रकम देकर 'बोली' लगाई जाती थी। पद मिलते ही शुरू हो जाता था वसूली का धंधा। अवैध निर्माण से जमा होने वाली मोटी रकम का बड़ा हिस्सा कथित रूप से पालिका के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर शासन में बैठे कुछ प्रभावशाली लोगों तक पहुंचता रहा।
पूर्व आयुक्त पर भी गंभीर आरोप :::
समाजसेवी प्रभाकर अंभोरे ने नगर विकास विभाग, मंत्रालय में दी गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि कुछ मामलों में पूर्व आयुक्त स्वयं भी अवैध निर्माण गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे।
निर्माणाधीन 150 इमारतें भी शक के घेरे में :::
फिलहाल प्रभाग समिति क्रमांक 1 से 5 की सीमा में लगभग 150 अवैध इमारतें निर्माणाधीन अवस्था में हैं, जिनके पीछे भी सरक्षण और मोटी उगाही की बात सामने आ रही है।
आयुक्त ने दिए कड़े आदेश, बीट निरीक्षकों की नियुक्ति :::
नगर आयुक्त अनमोल सागर ने इन अवैध गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए सभी पांच प्रभाग समितियों में दो-दो बीट निरीक्षकों की नियुक्ति कर दी है। उनका कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल: क्या सिर्फ कागज़ी कार्रवाई तक सीमित रहेगा प्रशासन ? अब जनता की नजरें इस पर टिकी हैं कि —
**क्या 291 बनी हुई अवैध इमारतों पर बुलडोज़र चलेगा ?
** क्या निर्माणाधीन 150 इमारतों को रोका जाएगा या उन्हें भी 'कानूनी रूप' दे दिया जाएगा?
और सबसे अहम सवाल — क्या अंदरूनी भ्रष्टाचार के जड़ों तक पहुंचेगी जांच, या फिर सिर्फ कुछ जूनियर कर्मचारियों पर दिखावटी कार्रवाई कर फाइल बंद कर दी जाएगी?
भिवंडी में अवैध निर्माण का यह नेटवर्क सिर्फ ईंटों का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और मिलीभगत की दीवारों का महल बन चुका है। क्या प्रशासन इस महल को गिरा पाएगा ? या फिर इतिहास खुद को दोहराएगा ?
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