दूसरे चरण के पंचायती चुनाव में जिउतिया व्रत का चुनाव आयोग ने नहीं रखा ख्याल।

दुर्गावती (कैमूर) से संवाददाता धीरेंद्र कुमार सिंह की रिपोर्ट

दुर्गावती ( कैमूर ) ।। महिलाओं ने दूसरे चरण के मतदान में भाग नहीं लेने का लिया निर्णय पुत्र की सलामती पहले चुनाव तो आएगा। पंचायती राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा दूसरे चरण के चुनाव में महिलाओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व जूतिया का ख्याल चुनाव आयोग ने नहीं रखा। इस अवसर पर बूढ़ी नवजवान युवतियां समेत अन्य महिलाओं ने अपने बच्चे की लंबी आयु के लिए जीव पुत्रिका व्रत बिना खाए और बिना पानी पिए रखती हैं। यह व्रत महिलाओं के लिए एक बूंद पानी पीने का भी नहीं हैं न व्रत के पूर्ण होने के समय से पहले कोई जल ग्रहण कर सकता हैं। लेकिन ऐसी भीषण गर्मी में सरकार के द्वारा न ही चुनाव आयोग के द्वारा इसे ध्यान में रखा गया। ऐसी स्थिति में दिनांक-29/9/2021को होने वाले दूसरे चरण के मतदान में अक्सर महिलाओं की अनुपस्थिति रहने की प्रबल उम्मीद हैं। महिलाएं को पंचायत के दूसरे चरण का जो मतदान होना हैं उस पर विशेष प्रभाव पड़ना निश्चित हैं। महिलाओं ने कहा बिहार की  सरकार ने जिस तरह से महिलाओं के आरक्षण और महिलाओं की भागीदारी को लेकर सक्रिय हैं यह सरकार की पोल खोल ने के लिए काफी हैं चुनाव में महिलाओं के प्रति की गई धार्मिक उपेक्षा उम्मीद नहीं थी। बिहार सरकार और चुनाव आयोग से महिला मुन्नी देवी शुखीया देवी ज्योति देवी मनोहारी देबि सहित दर्जनों महिलायों ने जीवित्पुत्रिका ब्रत को लेकर चिंतिति हैं और फैसला लीया कि अपने पुत्र के जीवन की सलामती पहले हैं फिर कभी चुनाव आएगा तो हम महिलाएं चुनाव में भाग लेंगी अन्यथा दूसरे चरण की तिथि बदल दी जाए।

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