2 वर्ष तक के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं के लिए मिशन इंद्रधनुष 7 मार्च से

-604 सत्र स्थलों का आयोजन करते हुए दिया जाएगा टीका

-सहयोगी संस्थाओं एवं हितधारी संगठनों से लिया जाएगा अपेक्षित सहयोग


सहरसा ।। जिले में 2 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण करने के लिए 7 मार्च से सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान आरंभ किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले के शहरी क्षेत्र सहित सभी प्रखंडों में 604 सत्र स्थलों का आयोजन किया जाना है। इस सत्र स्थलों पर जहाँ गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया का टीका दिया जाएगा वहीं 2 वर्ष तक के बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाये जाऐंगे।


आयोजित किये जायेंगे 604 टीकाकरण सत्र-

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने बताया शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों का अनुमानित लक्ष्य 9112 बच्चों का शत् प्रतिशत आच्छादन सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना अनुरूप 604 सत्र स्थलों का आयोजन किया जाना है। वहीं इन सत्र स्थलों पर जिले में अनुमानित गर्भवती महिलाओं 1887 को टेटनेस-डिप्थीरिया का भी टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को इन सत्र स्थलों पर बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आर्इपीवी, मिजल्स, विटामिन-ए, के साथ-साथ आवश्यक बूस्टर डोज भी दिया जाएगा। इन सत्र स्थलों पर लगाये गये टीकाकर्मियों, पोषक क्षेत्र के आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्ता सहित स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाओं सहित हितधारी संगठनों के प्रतिनिधियों को शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। वहीं सतत् अनुश्रवण में पर्यवेक्षण किया जाना भी सुनिश्चित किया गया है।


प्राथमिकता के आधार पर बनाये गये हैं सत्र स्थल

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने मिशन इंद्रधनुष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा इस अभियान के दौरान सत्र स्थलों का आयोजन के लिए उन स्थलों को प्राथमिकता प्रदान की गयी है जहां नियमित टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो या नियमित टीकाकरण के दौरान कम आच्छादन हुआ हो तथा ऐसे टीकाकरण सत्र जहां विगत छः माह में दो या दो से अधिक टीकाकरण सत्र स्थल आयोजित नहीं किये गये हों। साथ ही ऐसे टीकाकारण सत्र स्थल जहां विगत एक वर्ष के अंदर काली खांसी, गलघोंटू, खसरे के मामले पाये गये हों। इन सभी के अतिरिक्त ईंट भट्टा, दियारा क्षेत्र, मलीन बस्ती इत्यादि जहां स्वतंत्र रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किया गया हो उन्हें प्राथमिकता प्रदान की गयी है।

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