कल्याण मंडल रेलवे चिकित्सालय से डॉक्टरो का तबादला, एक सोची समझी साजिश??

कल्याण ।। कल्याण रेलवे हॉस्पिटल में पिछले कुछ महीनों से जिस तरह से विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले किये जा रहे है इससे प्रतीत हो रहा है कि यह हॉस्पिटल जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। पर्याप्त डॉक्टर नहीं होने की वजह से यहां आने वाले मरीजों को ठीक ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टरो की कमी के कारण आये हुए मरीजों को भायखला रेलवे हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया जाता है। जिससे मरीजों व उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल के रवैये से नाराज मरीज व उनके परिजनो का कहना है कि जब भायखला ही रेफर करना है तो यहां का अस्पताल क्यों खोल रखा है ? रेलवे का अनायास खर्चा बढ़ा रहे हो। गौरतलब हो कि कल्याण व आसपास के शहरों में बडी संख्या में रेलवे कर्मचारी निवास करते हैं तथा यह अस्पताल उन सभी के लिए बीमारी के समय एकमात्र विकल्प होता है। एक तो बीमार दूसरे जब डॉक्टरों की उपलब्धता नही होती तो मरीजों व परिजनों में खीझ का बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे में रेलवे प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को अविलंब इस विषय पर हस्तक्षेप करने की जरूरत है।

कल्याण अस्पताल मे आने वाले मरीजों के मन मे अस्पताल के प्रति गलत भावना जाग्रत हो जैसे पिछले दिनों हड्डी के विशेषज्ञ डॉक्टर को मुंबई डिस्पेंसरी ,त्वचा रोग, एवं लैब के डॉक्टर को भी अन्य डिस्पेंसरी मे भेज दिया गया , जबकि कल्याण मंडल अस्पताल में तज्ञ डॉक्टर होना जरुरी है क्योंकि यहां पूरे मंडल के कर्मचारी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी अपना इलाज करवाने आते है। अब उन्हें भेजे गये इन डॉक्टरो की कमी काफी खलती है लेकिन उनके पास इसका कोई इलाज नही है, अभी भी स्थानंतरण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कल भी यहां से एक डॉक्टर को ट्रांसफर का लेटर दिया गया है। बतादें कि अस्पताल में मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि स्थानंतरण  हुए डॉक्टर के जगह पर किसी अन्य को लाया नहीं जा रहा है और यहाँ पर जो फिजिशियन बचे है उनके बस की बात नहीं है कि इतनी तदाद में आये मरीजों को ठीक से सभांल पाए। इस संबन्ध में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ए के जैन और ए के सिंह से संपर्क करना चाहा पर संपर्क नहीं हो पाया।

जबकि कल्याण के सी एम एस शसांक मल्होत्रा ने बताया कि किसी का ट्रांसफर करना या रोकना हमारे हाथ मे नहीं है जो हमारे एडमिनिस्ट्रेशन का आदेश होता है हम उसका पालन करते है।

वहीं मंडल अध्यक्ष सेंट्रल रेल्वे मजदूर संघ मुम्बई मंडल के विवेक सिसौदिया ने बताया कि अस्पताल में दो फिजिशियन है जो कि बहुत जरूरी है,प्रतिदिन लगभग हजार मरीज ओपीडी के आते है, डीआरएम और पीसीएमडी से बात किया है कि जब तक यहां के लिए कोई डॉक्टर नहीं आता है तबतक यहां से किसी भी डॉक्टर का ट्रांसफर नहीं किया जाय।

रिपोर्टर

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