लोक शिकायत की सुनवाई में बिहार के सभी जिलों में जमुई अव्वल

जमुई चकाई से मनोज कुमार यादव की रिपोर्ट


जमुई।। जमुई जिले में सामान्य प्रशासन विभाग की प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी ने राज्यभर में लोक शिकायतों के निपटारे के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की है। जून माह की जारी रैंकिंग में तमाम जिलों को पछाड़ते हुए जमुई ने पहला स्थान हासिल किया है। शिकायतों के निपटारे में टॉप पांच जिलों में जमुई , सुपौल , शेखपुरा , भागलपुर एवं शिवहर शामिल है। राज्यभर की रैंकिंग बताती है कि उत्तर की अपेक्षा लोक शिकायतों की सुनवाई में दक्षिण बिहार की स्थिति ज्यादा बेहतर है। टॉप पांच जिलों की सूची में भी आने वाले जिलों में सबसे अधिक तीन दक्षिण बिहार के जिले शामिल हैं।

जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने सूची जारी कर जमुई जिला में नियत समय में प्राप्त आवेदनों का कुल 98.18 प्रतिशत के निस्तारण किए जाने का ऐलान किया है। वहीं अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय और जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में निष्पादित मामलों में लोक प्राधिकारों की उपस्थिति का 99.55 प्रतिशत रहने की जानकारी दी है। उन्होंने आगे कहा कि नियत समय सीमा में निष्पादित मामलों के लिए निर्धारित कुल 30 अंक में जमुई जिला को 29.45 अंक प्राप्त हुआ है वहीं लोक प्राधिकारों की उपस्थिति के लिए इस जिले को तय कुल 10 अंक में से 09.96 अंक हासिल हुआ है। डीएम ने इसे नया कीर्तिमान की संज्ञा देते हुए कहा कि यह जिला प्रशासन के साथ जिलावासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में जो जमुई जिला को प्रथम स्थान हासिल हुआ है , उसे हर हाल में बरकरार रखना है। उन्होंने इसके लिए ससमय उपस्थिति दर्ज कर परिवादों का निस्तारण किए जाने का संदेश दिया।

उधर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में राज्य के सभी जिलों में जमुई के अव्वल आने पर प्रशासनिक महकमें में उल्लास और उमंग देखा जा रहा है। प्रबुद्धजन , आम जनता एवं विभागीय अधिकारी इस बड़ी उपलब्धि के लिए जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह की जमकर तारीफ कर रहे हैं। सबों का मानना है कि डीएम श्री सिंह के कुशल नेतृत्व में जमुई जिला हर क्षेत्र में तरक्की की राह पर तेजी से अग्रसर है। यह उपलब्धि भी उनकी ही सजगता का द्योतक है।

सर्वविदित है राज्य की जनता को नियत समय - सीमा के भीतर उनकी शिकायतों के निवारण किए जाने के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 06 जून 2016 को पूरे बिहार में लागू किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत कोई भी पीड़ित व्यक्ति बिहार सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों से सम्बंधित आवेदन अनुमंडल , जिला एवं राज्य स्तर पर दे सकता है। आवेदन निःशुल्क रखा गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत शिकायत की सुनवाई और निस्तारण अधिकतम 60 दिनों के भीतर किया जाना है। सुनवाई में तेजी बरतने के लिए अनुमंडल , जिला और राज्य स्तर पर अलग - अलग कार्यालय खोलकर वहां अलग - अलग पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। निर्णय से असंतुष्ट होने पर परिवादी को लोक प्राधिकार में अपील करने का अधिकार दिया गया है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से जहां जनता को कई मामलों में सहूलियत हो रही है वहीं प्रशासन में भी और अधिक पारदर्शिता झलकने लगी है। जनता अपनी समस्याओं को लेकर अनुमंडल , जिला एवं राज्य स्तर पर गठित कार्यालय का रुख कर रहे हैं और कठिनाइयों से निजात पा रहे हैं।

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