
विश्व हिंदू परिषद द्वारा संचालित रामगढ़ प्रखंड मे एकल विद्यालय की स्थिति पर एक नजर
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Jul 28, 2022
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रामगढ़ से राजीव कुमार पाण्डेय
रामगढ़ कैमुर ।। प्रखंड रामगढ़ मे 30जगहों पर एकल विद्यालय का संचालन सन 2013 से ही हो रहा है।शुरुआती काल मे 22 गांवों मे यह कार्यक्रम चलता था अब 30 गांवों मे चल रहा है। एकल विद्यालय कार्यक्रम के संच प्रमुख सुग्रीव कुमार से हुई मीटिंग मे जानकारी के आधार पर आपको बता दें कि प्रत्येक सेंटर पर 40 बच्चों(छात्र-छात्राओं)को 2 घंटा सुबह मे या दो घंटा शाम मे गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है।अपने प्रखंड मे सुविधा के आधार पर सुबह 6से8 बजे एवं शाम को 4से 6 बजे केंद्र का संचालन होता है।केंद्र संचालन करने वाले व्यक्ति को 1000रुपया मानदेय के रूप मे संस्था के तरफ से प्रदान किया जाता है।
इसमे पंचमुखी शिक्षा प्रदान की जाती है यानी पांच प्रकार की शिक्षा:- प्राथमिक शिक्षा, आरोग्य शिक्षा, ग्राम उत्थान शिक्षा, ग्राम स्वराज शिक्षा, संस्कार शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा बच्चों के लिए एवं बाकी चार शिक्षा ग्रामीण जनों को प्रदान किया जाता है प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत सभी बच्चों को एक देश भक्ति गीत याद करना आरोग्य शिक्षा के अंतर्गत प्रत्येक घर मे तुलसी का पौधा लगाने के लिए प्रेरित करना है ग्राम उत्थान के अंतर्गत पोषण वाटिका लगाना यानी फलदार वृक्ष लगाने के लिए सभी व्यक्ति को प्रेरित किया जाता है।
ग्राम स्वराज योजना के अंतर्गत हमारे केंद्र संचालक लोगों का जनधन खाता खोलवाने,प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, आधार कार्ड सबका खुले इसके लिए प्रेरित करने का काम करते हैं हरि कथा प्रचार या संस्कार शिक्षा के अंतर्गत साप्ताहिक सत्संग, वर्ष मे एक बार कथा का आयोजन, प्रत्येक केंद्र पर रथ का आयोजन किया जाता है।
संस्था का सोंच कार्य तो बहुत ही उत्तम है लेकिन यह धरातल पर कितना सफल हो रहा है यह तो ग्रामवासी ही बताएंगे।स्वम मुझे भी इसके बारे मे इस बैठक मे आकर जानकारी प्राप्त होने से हुई।कुछ लोग परिचय के दिखे तो मुझे यह जरूर समझ मे आ गया कि केवल रामगढ़ प्रखंड मे यह कार्य कागज पर चल रहा है कभी कोई मॉनिटरिंग(अनुश्रवण)करने आता होगा तो ये लोग उसकी उस दिन की व्यवस्था करके कार्य हो रहा है दिखा देते होंगे। कोई भी योजना, संस्था का उद्देश्य बुरा नही होता लेकिन उसमे कुछ कार्य करने वाले निचले स्तर के लोगों की कार्य शिथिलता के कारण कार्यक्रम केवल कागज तक ही सीमित रह जाता है।
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