सरकारी कर्मियों ने किया सांकेतिक विरोध

जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी के रिपोर्ट


कैमूर ।। जिला के सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालय, में कार्यरत कर्मियों द्वारा एनएमओपीएस के तत्वधान में, पुरानी पेंशन योजना बहाली हेतु काली पट्टी बांधकर एक दिवसीय सांकेतिक विरोध किया गया। कर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा दिनांक 01.01. 2004 या उसके बाद नियुक्त कर्मियों के लिए उक्त समय प्रचलित पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई अंशदाई पेंशन योजना लागू करने के उपरांत, राज्य सरकार द्वारा भी उक्त योजना के अनुरूप दिनांक 01.09. 2005 के प्रभाव से राज्य कर्मियों के लिए बिहार सरकार सरकारी कर्मचारी अंशदाई पेंशन योजना लागू कर दी गई, नई अंशदाई पेंशन योजना के लागू होने से राज्य कर्मियों को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां हो रही हैं। एवं सेवानिवृत्ति अथवा उसके पूर्व मृत्यु के उपरांत मिलने वाली पेंशन की राशि बहुत ही कम होती है। जो वृद्धावस्था में आवश्यक जीवन निर्वाह करने के लिए पर्याप्त नहीं है। जिससे कि राज्य कर्मी वृद्धावस्था में सामाजिक प्रतिष्ठा एवं सुरक्षा को लेकर आशंकित है।कर्मियों का कहना है कि नई पेंशन प्रणाली में शेयर बाजार पर आधारित पेंशन मिलेगा। जिससे कि नुकसान की संभावना बनी रहती है। बिहार सरकार द्वारा प्रति माह कर्मियों के पेंशन के नाम पर 14% राशि अपने हिस्से का और 10% राशि कर्मियों के वेतन से काटकर अर्थात कुल वेतन का 24% एजेंसी के पास जमा किया जाता है। जिसका फायदा कर्मियों को मिलने की कोई गारंटी नहीं है। बल्कि राज्य सरकार को भी प्रतिवर्ष लगभग 6000 करोड़ रुपए के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। और कर्मियों में भी असंतोष व्याप्त है। अगर यही पैसा भविष्य निधि में जमा रहता तो इस राशि का उपयोग राज्य सरकार राज्य के विकास के कई कार्यों में कर सकती थी। अतः एनपीएस से राज्य सरकार एवं सरकारी सेवक दोनों को नुकसान हो रहा है।कर्मियों की मांग है कि पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए। वार्तालाप के दौरान प्रखंड सह अंचल कार्यालय कर्मी कुदरा से चंदन कुमार, राकेश कुमार, अमरेंद्र सिंह, विजय कुमार, प्रेमचंद पाल, लक्ष्मीकांत इत्यादि उपस्थित रहें।

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