
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का किया स्वागत
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Sep 06, 2022
- 220 views
जन अधिकार पार्टी (लो) का मंथन सह प्रशिक्षण शिविर शुरू
पटना ।। जन अधिकार पार्टी (लो) का तीन दिवसीय मंथन सह प्रशिक्षण शिविर आज से बोध गया में शुरू हो गया। इससे पूर्व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने पटना में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि आज कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के बगैर विपक्षी एकता का कोई औचित्य नहीं है। उनके बिना तीसरे मोर्चे का भी कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम पहले भी विपक्ष की भूमिका में थे और आज भी विपक्ष की भूमिका में हैं। हम सिर्फ एक सकारात्मक सोच के साथ बढ़ रहे हैं कि हमारे लिए सबसे जरूरी है बिहार और बिहारी। हमारी प्राथमिकता है कि सीटेट के अभ्यर्थियों को नौकरी मिले, युवाओं को रोजगार मिले और राज्य में सुशासन ऐसे ही चलता रहे। बीजेपी के जो लोग राज्य में अपराध की बात करते हैं उनकी पार्टी में सबसे अधिक अपराधी हैं।
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राहुल गांधी से मुलाकात के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2024 के बाद से अगर देश के युवाओं को नौकरी देनी है, किसानों को आमदनी देनी है, महिलाओं को सम्मान दिलाना है और देश के लोकतंत्र को बचाकर रखना है तो बिना किसी पद के सभी को एकजुट होना होगा। जो ये कहते हैं कि कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी को हराएंगे वो बीजेपी की बेटी है। उसपर भरोसा नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार ने बड़ा संकल्प लिया कि प्रधानमंत्री बनना जरूरी नहीं है, इस देश को बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह अटल, आडवानी, मुरली मनोहर जोशी जैसे तमाम कद्दावर नेताओं को हाशिए पर धकेलने वाले नेता के भरोसे बैठे हैं। शिवराज चौहान बीजेपी में एकमात्र पिछड़ा मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा एक भी दलित-पिछड़ा मुख्यमंत्री नहीं है। उल्टा दलित-आदिवासी नेताओं को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों को नीतीश कुमार को आइना दिखाने का हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन में दो सबसे बड़ी गलतियां कीं। पहला, आरसीपी सिंह को मंत्री बनाकर और दूसरा बीजेपी के साथ सरकार बनाकर। उन्होंने कहा कि पांच साल में इस देश में कोई काम नहीं हुआ। सिर्फ इतना हुआ की सारे नेताओं का फाइल बन गया और अब जो बचे हैं वो डरे सहमे हैं। टैक्स मार की हाल ये है कि अब तो सिर्फ सांस लेने और करवट बदलने के लिए ही जीएसटी लेना बाकि है।
रिपोर्टर