सूचना के अधिकार अधिनियम के खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Apr 12, 2023
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जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट
कैमूर-जिला के पदाधिकारियों द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 कि खुले आम उड़ाई जा रही धज्जियां 30 दिनों में मिलने वाली सूचना 13 महीने बाद भी नहीं मिला। आपको बताते चलें कि बिहार सरकार द्वारा प्रशासनिक पारदर्शिता के उद्देश्य से सूचना मांगने के लिए जानकारी सुविधा केंद्र की स्थापना 29 जनवरी 2007 से ही की गई है। जिसके माध्यम से कुदरा थाना क्षेत्र के लालापुर निवासी रमेश कुमार के द्वारा राशन कार्ड बनाने संबंधी आवेदन पर हुई कार्रवाई की जानकारी 28 फरवरी 2022 को मांगी गई।पर तकनीकी कारणों का हवाला देकर एक साल से भी अधिक समय तक 30 दिन में मिलने वाली सूचना को संबंधित पदाधिकारी को हस्तांतरित नहीं किया गया। एक वर्ष बीतने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मार्च 2023 में उक्त वर्णित आवेदन को जिला पदाधिकारी कैमूर को हस्तांतरित किया गया। जिला पदाधिकारी कैमूर के द्वारा आवेदन को जिला आपूर्ति पदाधिकारी को हस्तांतरित किया गया। तत्पश्चात जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा मांगी गई सूचना आवेदन को अनुमंडल पदाधिकारी मोहनियां को ट्रांसफर किया गया। जिसकी एक प्रति आवेदक को भी दी गई। मजे की बात तो यह है कि अनुमंडल पदाधिकारी मोहनियां द्वारा सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी मोहनियां के कार्यालय ट्रांसफर किया गया। यह ट्रांसफर का खेल का ई मेल कभी प्राप्त होता है तो कभी साधारण डाक से तो कभी निबंधित डाक से पर सूचना नहीं मिली। आखिर चार बार पत्र स्थानांतरण के बाद भी पता नहीं लोक सूचना पदाधिकारी तक आवेदन पहुंचा या नहीं क्योंकि तीस दिन यानी 1 महीने में मिलने वाली सूचना साढ़े 13 महीने में भी प्राप्त नहीं। स्पष्ट रूप में समझा जाए कि 12 अप्रैल 23 तक सूचना नहीं दी गई है। इससे यह प्रमाणित होता है कि कैमूर जिले के पदाधिकारी संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति द्वारा अनुमति प्राप्त सूचना का अधिकार अधिनियम का खुलेआम धज्जियां उड़ाया जा रहा है।
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