आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं की मांगों को लेकर लगातार हड़ताल जारी

जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट

कैमूर ।। जिला के कुदरा प्रखंड परिसर में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं का विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल जारी। संदर्भ में जानकारी देते हुए संगठन के अध्यक्ष उषा सिंह, कोषाध्यक्ष शमीमा आरा बानो एवं सचिव माया कुमारी के द्वारा बताया गया, कि आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति की 8 सितंबर 2023 को केदार भवन अदालतगंज पटना में आहूत बैठक में राज्य के तीन प्रमुख संगठनों तथा दो समर्थित संगठनों द्वारा राज्य सरकार के वादा खिलाफी के विरुद्ध, सर्वसम्मति से 29 सितंबर 2023 से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया गया है। बैठक में राज्य सरकार के वादा खिलाफी तथा 25 मार्च 2022 को विधानसभा के समक्ष संपन्न विशाल आंदोलन के माध्यम से 20 जुलाई 2022 को माननीय मंत्री के समक्ष प्रधान सचिव तथा निदेशक की उपस्थिति में,  21 जुलाई 2022 को निदेशालय में निदेशक के साथ मांग पत्र पर बना सहमति को अब तक लागू नहीं करने, केंद्र सरकार द्वारा मानदेय बढ़ोतरी के बाद 50% राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने के पूर्व के आदेश को भी समाप्त कर देने को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया। विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के मानदेय को दुगना करने का वादा किया गया था, साथ ही तेजस्वी यादव के द्वारा लगभग अधिकांश चुनावी सभा में भी इस आशय का आश्वासन दिया गया था। पर मानदेय दुगना करने की बात तो छोड़िए, अभी तक प्रतिनिधिमंडल से मिलने तक का कष्ट नहीं किया गया। सरकार द्वारा दस्तावेज में तो हम लोगों को 4 घंटे का कार्य दिया गया है पर 12 घंटे लगातार कार्य लिया जाता है, इतना ही नहीं रात में भी मैसेज करके दूसरे दिन के कार्यों का सूची भेज दिया जाता है। दूरभाष पर लगातार कार्य करने को कहा जा रहा है। जबकि दूरभाष की सुविधा सरकार द्वारा नहीं दिया गया है नहीं रिचार्ज का पैसा दिया जाता है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से मार्च माह के बीच लगातार 3 महीने तक संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में आहूत चरणबद्ध आंदोलन के दरम्यान, निदेशक आईसीडीएस आईसीडीएस एवं प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग के द्वारा दिए गए आश्वासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के अंतिम चरण का राजव्यापी विशाल प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया था। 3 महीने बाद 26 जुलाई 2023 को जब संयुक्त संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिलकर सरकार द्वारा किए गए वायदे को पूरा करने की मांग की गई, तो मानदेय राशि बढ़ाना तो दूर जिन आठ मांगों पर सहमति बनी थी उसे भी घिसी पिटी बात कह कर टाल दिया गया। ऐसी स्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति को विवश होकर हड़ताल में जाने का निर्णय लेना पड़ा। आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का कहना है कि मरता क्या न करता है हम लोग उसे अवस्था में पहुंच चुके हैं। उपस्थित सेविका व सहायिकाओं द्वारा सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया गया साथ ही जीत के माध्यम से भी विरोध दर्ज कराया गया।

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