
लाखों खर्च के बाद भी श्रद्धालुओं के लिए बनाये गए धर्मशाला का कोई औचित्य
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Dec 14, 2023
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जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी
कैमूर ।। जिला अंतर्गत पवरा पहाड़ी स्थित मां मुंडेश्वरी धाम धाम के श्रद्धालुओं के लिए सरकार के द्वारा लाखों लाख रुपया के खर्चों से बनाया गया, यह धर्मशाला औचित्य विहीन है। श्रद्धालुओं को मिलने वाले सुविधाओं के तहत सुविधा के हिसाब से बन्द रहता है। इस धर्मशाले के निर्माण में सरकार का लाखों लाख रुपए बर्बाद हुआ, पर वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो इसके निर्माण में हुए खर्च का कोई औचित्य नहीं है। ग्रामीणों सहित आसपास के गांव, मंदिर के व्यवस्थापक सहित श्रद्धालुओं का कहना है कि कैमूर जिला का शासन प्रशासन निष्क्रिय है, जिसके वजह से सरकार की पैसा सुविधाओं के लिए खर्च होने के बावजूद भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाता है। सूत्रों की माने तो आसपास के नामी गिरामी निजी होटल के संस्थापकों द्वारा, स्थानीय शासन प्रशासन को चंद पैसों का लोभ देकर, मां मुंडेश्वरी धाम के दर्शन के उत्सुक श्रद्धालुओं का शोषण किया जाता है। यदि स्थानीय लोगों की मानें तो इस धर्मशाला को चालू कर देने से दूर देश से आने वाले श्रद्धालुओं को उचित सुविधा मिलेगा, तो सुविधा जनक श्रद्धालु क्षेत्र की वजह से बिहार सरकार सहित स्थानीय लोगों को भी रोजगार का अवसर मिलेगा और आय का श्रोत बढ़ेगा। लाखों लाख रुपए का बना जो यह धर्मशाला बंद पड़ा है,यह बिहार सरकार पर्यटन विभाग बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा निर्मित है,जो की कैमूर जिला के माता मुंडेश्वरी धाम से बेतरी मोकरी भभुआं रोड में नहर के पास बड़े ही मनोरम जगह पर बनाया गया है। वर्तमान में देखा जाए तो यह स्थल पशुओं का चारागाह बन गया है। ऐसे सरकार के कुछ जालसाज जाल साजी करते हुए, उस पर आधिपत्य जमाएं बैठे हैं। क्षेत्र के मानवाधिकार आयोग के संगठन सदस्य क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता बबलू तिवारी विक्रांत सिंह सहित दर्जनों की संख्या में उपस्थित लोगों ने कहा कि स्थानीय शासन प्रशासन सहित बिहार सरकार का धार्मिक स्थलों पर निगाहें नगण्य है। हम सब चाहेंगे कि देश के सामाजिक राजनैतिक, धार्मिक, मानवाधिकार आयोग इस ओर ध्यान दें और यहां के क्षेत्रीय लोगों सहित आने वाले श्रद्धालुओं को उचित अधिकार दिया जाए। मां की असीम कृपा तो है साथ ही यह भी कहना चाहूंगा कि मां मुंडेश्वरी धाम विश्व के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है।
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