देश की बागडोर अपराधियों के हाथ, जनसंख्या बल के आधार पर एक वर्ग को गुलाम बनाने की हो रही साजिश

योग्यता की बलात्कार के पक्ष में सत्तासीन सीन व विपक्षी पार्टीयां-- कुमार चन्द्र भुषण

कैमूर- योग्यता की बलात्कार के पक्ष में एनडीए एवं इंडिया गठबंधन, देश की बागडोर अपराधियों के हाथ में सौंपने के लिए अपने समाज को भ्रमित कर रहे भेड़ की खाल में छुपे हुए भेड़िये, जनसंख्या बल के आधार पर एक वर्ग को गुलाम बनाने की साजिश कर रहे सत्तासीन एवं विपक्षी पार्टीयां। उक्त बातें राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह कलमकार कुमार चन्द्र भुषण तिवारी के द्वारा कैमूर जिला के कुदरा प्रखंड अंतर्गत पट्टी गांव स्थित राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ प्रदेश कार्यालय से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा गया। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सरकार द्वारा किसी भी व्यक्ति को समान व्यवहार से वंचित नहीं किया जा सकता। पर देश में जाति के आधार पर संख्या बल को प्रसन्न रख सत्ता की मलाई चाटने के लिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा सवर्ण समाज के साथ हर सरकारी योजनाओं लोकतांत्रिक पदों पर आसक्त होने में समान व्यवहार से वंचित किया जा रहा है। संविधान की अनुच्छेद 15 - 16 तथा 29 में विशेष रूप से स्पष्ट किया गया है, कि धर्म, वर्ण, जाति, लिंग अथवा जन्म स्थान के आधार पर किसी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, और ऐसा करना अपराध है। जबकि हमारे देश के लोकतंत्र के मंदिर में धर्म, वर्ण, जाति, लिंग एवं जन्म स्थान के आधार पर संख्या बल को देखते हुए सत्ता के लोभ में, उपरोक्त आधारित कानून सर्वसम्मति से पारित कर दिया जाता है। तो यह क्यों न माना जाए कि देश की बागडोर अपराधियों के हाथों में है।जिनके द्वारा संख्या बल के आधार को देखते हुए एक वर्ग विशेष को गुलाम बनाने की साजिश किया जा रहा है। अन्य वर्षो में हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में एक तरफ इंडिया महागठबंधन के नेतृत्व कर्ताओं द्वारा खुले मंच से कहा जा रहा है कि एनडीए गठबंधन आरक्षण हटाना चाहती है (योग्यता की बलात्कार रोकना चाहती है) तो दूसरी ओर एनडीए के नेतृत्व कर्ताओं द्वारा खुले मंच से कहा जा रहा है कि हम जब तक सत्ता में रहेंगे आरक्षण समाप्त नहीं होने देंगे (योग्यता का बलात्कार रूकने नहीं देंगे) योग्यता का बलात्कार होते रहेगा। साथ ही जिस वर्ग को गुलाम बनाने की साजिश चल रही है, उस वर्ग के भेड़ की खाल में छुपे हुए भेड़ियों द्वारा अपनी पेट भर सूखी हड्डी चबाने के लोभ में, अपने वर्ग समाज को भ्रमित कर गुलाम बनाने वालों का सहयोग दिया जा रहा है। मैं सभी सवर्ण बंधुओ से आग्रह करूंगा कि ऐसे भेड़ियों की चाल को नाकाम कर एकता का परिचय देते हुए, नोट का सोटा चलाएं आरक्षण मुक्त भारत बनाएं। जब देश में लोकतंत्र है तो किसी भी सीट से किसी वर्ग को चुनाव लड़ने का अधिकार क्यों नहीं‌, इसे लोकतंत्र नहीं इसे सिर्फ भीड़ तंत्र कहा जा सकता है‌। जब फैसला लोगों को अपने मताधिकार से करना है तो कानूनत: रोक कैसे। जब देश संविधान के तहत चलता है तो धर्म आधारित जाति आधारित लिंग आधारित एवं क्षेत्र आधारित कानून कैसे।

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