
पायलट बाबा के निधन से रोहतास जिला में शोक की लहर
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Aug 21, 2024
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ब्यूरो चीफ सुनील कुमार की रिपोर्ट
रोहतास--अब इस दुनिया में नहीं रहे महायोगी महामंडलेश्वर पायलट बाबा, मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अपना शरीर को त्यागा। उन्हें हरिद्वार में समाधि दी जाएगी।
पायलट बाबा को समाधि या अंत्येष्टि द्वारा मृत्यु का अभ्यास करने के लिए जाना जाता था। उन्होंने 1976 से अपने जीवन में 110 से अधिक बार प्रदर्शन किया है। वर्ष 2007 में अर्धकुंभ में समाधि लगाने के लिए लाखों साधुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गए थे। पायलट बाबा पहले भारतीय वायुसेना में एक विंग कमांडर थे, लेकिन बाद में उन्होंने आध्यात्मिकता को आगे बढ़ाने के लिए कम उम्र में सेवानिवृत्त होने का फैसला किया। इसलिए उन्हें पायलट बाबा के नाम से प्रसिद्धि मिली।
पायलट बाबा का जन्म रोहतास जिले के नोखा प्रखंड में हुआ था। वायु सेना में रहने के दौरान पायलट बाबा ने 1962 में भारत-चीन युद्ध में भाग लिया था। इसके अलावा, उन्होंने 1965 और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी लड़ाई लड़ी थी। ऐसा माना जाता है कि पायलट बाबा ने हिमालय की नादा देवी घाटी में 1 वर्ष तक तपस्या की थी। आज दुनिया भर में उनके लाखों भक्त हैं और उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। उनके कुछ लिखित साहित्य में कैलाश मानसरोवर, पर्ल्स ऑफ विजडम, डिस्कवर द सीक्रेट्स ऑफ हिमालय और अन्य शामिल हैं। पायलट बाबा और उनके अनुयायियों ने भारत के अलावे कई देशों में आश्रम (आध्यात्मिक रिट्रीट या ध्यान केंद्र) स्थापित किए हैं। पायलट बाबा की निधन की खबर सुन रोहतास सहित देशभर एवं अन्य देशों में रह रहे उनके भक्त हरिद्वार के लिए रवाना हो गए हैं।
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