आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन, दलितों की आड़ में सत्ता की रोटियां तोड़ने के चक्कर में राजनीतिक दल

 ब्यूरो चीफ अंकित कुमार उर्फ आकाश साहू की रिपोर्ट 

    

शिवहर---- राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष उपेंद्र पासवान उर्फ शिव चंद्र पासवान के नेतृत्व में आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दों पर राष्ट्रीय जनता दल के कार्पायकर्ताओं ने अपनी पार्टी कार्यालय परिसर से जीरो माइल चौक तक प्रदर्शन कर केंद्र सरकार और नीतीश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की ।प्रदर्शन में बेलसंड के विधायक संजय कुमार गुप्ता ने कहा है कि देश में जातीय जनगणना एवं 65% आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु एक दिवसीय धरना प्रदर्शन पार्टी के द्वारा किया गया है।उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहां है कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने साफ स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भाजपा एवं नीतिश सरकार पिछड़ों- दलितों के खिलाफ है और चाहे कुछ भी हो जाए हमारी पार्टी और हजारों लोग इस आरक्षण को शामिल करेंगे, जिसे हमने नौवीं अनुसूची में बढ़ाया है।पार्टी जिला अध्यक्ष उपेंद्र पासवान ने भी कहा है कि देश में जाति आधारित गणना करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल अब आंदोलन करने की तैयारी कर रही है जिसका शुरुआत आज  हम लोगों ने किया है। तथा कहां है कि उनकी पार्टी में किए गए जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष को संविधान की अनुसूची 9 में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन एवं आंदोलन किया गया है और जारी रहेगा।पार्टी के कई वक्ताओं ने कहा है कि हमारी सरकार ने ओबीसी, एससी और एसटी के लिए 65% आरक्षण प्रदान किया था। हमारे नेता तेजस्वी ने अनुसूचित 9वीं में शामिल करने की बात कही थी ।मामला विचाराधीन है ,लेकिन भाजपा ऐसा नहीं चाहती है।धरना प्रदर्शन में पार्टी उपाध्यक्ष अरविंद कुमार यादव, रामानंद यादव,खुशनंदन यादव,डॉक्टर नौशाद आलम, विनोद यादव युवा जिला अध्यक्ष, रामचंद्र प्रसाद गुप्ता व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष ,विश्वनाथ प्रसाद मधुकर प्रखंड अध्यक्ष, शीशीर कुमार डॉ मुदस्सिर शकील, सहित दर्जनों राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल रहे। जबकि देखा जाए तो 78 वर्षों से जातिगत आधार पर आरक्षण मिलने के बावजूद भी आरक्षित वर्ग का उत्थान नहीं हुआ और तो और जो अनारक्षित वर्ग के गरीब हैं उनकी स्थिति बद से बद्तर होते जा रही है। जब योग्यता का बलात्कार होगा तो रोजगार कहां से पैदा होगा। यह सोचने का विषय है और राजनीतिक पार्टियों द्वारा दलितों के आड़ में सत्ता की रोटियां तोड़ने के सिवा और कुछ नहीं है।

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