डीएम के जनता दरबार में आये 60 मामले

रोहतास। साप्ताहिक जनता दरबार में डीएम के समक्ष 60मामले आज। जिसमें डीएम मैडम : बाप दादा बिहार सरकार के जमीन पर रहते थें, CO ने घर तोड़ दिया,अब कहां जाए 

प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित होने वाले दैनिक जनता दरबार में आज कुल 60 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे, जिनमें से ज्यादातर की शिकायतें जमीन और आवास से जुड़ी हुई थीं। 

जिलाधिकारी ने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान करना है और इसमें किसी भी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

सासाराम थाना अंतर्गत मुरादाबाद गांव की निवासी सरिता देवी ने जनता दरबार में अपनी शिकायत रखते हुए कहा कि उनके पति स्वर्गीय चंद्रशेखर सिंह ने पेट्रोल पंप के संचालन के लिए बैंक ऑफ इंडिया, सासाराम शाखा से 50 लाख रुपए का कैश क्रेडिट (सीसी) लोन लिया था। लोन के लिए उनके पति ने तीन जमीनों के दस्तावेज बैंक में गिरवी रखे थे। हालांकि, लोन की पूरी राशि जमा करने के बाद भी बैंक द्वारा जमीन के कागजात वापस नहीं किए गए। इस पर जिलाधिकारी ने लीड बैंक मैनेजर को निर्देश दिया कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जमीन के कागजात जल्द से जल्द सरिता देवी को लौटाएं।

सासाराम थाना अंतर्गत करवंदिया के अमरी टोला की निवासी ममता कुमारी ने जनता दरबार में बताया कि 1995 में सरकार द्वारा निर्मित इंदिरा आवास में वे वर्षों से रह रही हैं। उनका खाता संख्या 201 और प्लॉट संख्या 708/709 के तहत 4 डिसमिल भूमि है। लेकिन अब तक उन्हें बिहार सरकार की ओर से आवासीय भूमि का बंदोबस्ती पर्चा नहीं मिला है, जिसके कारण दबंग लोग उन्हें जमीन छोड़ने की धमकी दे रहे हैं। इस समस्या को सुनते हुए जिलाधिकारी ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।

दिनारा थाना के रेही गांव के निवासी धुरभारी सिंह ने अपनी समस्या रखते हुए कहा कि वे अपने बाप-दादा के समय से बिहार सरकार की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे थे। लेकिन 22 अगस्त को अंचलाधिकारी ने उनके मकान को तोड़ दिया। अब उनके पास कोई अन्य मकान नहीं है, जहां वे रह सकें। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिक्रमगंज डीसीएलआर को स्वयं जाकर जांच करने और रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

चुटिया थाना अंतर्गत तिउरा गांव के निवासी राजेश मेहता ने जनता दरबार में अपनी शिकायत रखते हुए बताया कि 2022 में उनके घर में आग लग गई थी, जिससे घर का सारा सामान जलकर खाक हो गया था। उन्होंने इस घटना के संबंध में अंचलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया था, लेकिन आज तक उन्हें आपदा मुआवजा नहीं मिला है। इस पर जिलाधिकारी ने डेहरी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को तत्काल इस मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया और राजेश मेहता को जल्द मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा।

रिपोर्टर

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