विजया दशमी पर शस्त्र पूजा संपन्न

नोखा (रोहतास) संवाददाता 

अरविंद कुमार सिंह की रिपोर्ट

 नगर परिषद नोखा में दशहरा के विजया दशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा की गई। थाना के पास आदर्श नवयुवक संघ पटेल नगर द्वारा इसका आयोजन किया गया। इसमें युवकों को महेंद्र चौधरी के द्वारा सभी को खेल कराया गया। मौके पर युवकों में खेल कौशल के माध्यम से दिखाई की किस तरीके से असुर शक्ति की नाश किया जा सकता है। शक्ति एव युद्ध का कौशल दिखाया गया। जलते हुए आग में छलांग लगाई गई।साथ ही लाठी डंडे, बंदा का खेल दिखया गया। विजयादशमी यानी दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा निभाई जाती है। ये परंपरा हमें सिखाती है कि बिना शस्त्रों के कोई भी युद्ध नहीं जीता जा सकता।आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यानी दशहरे पर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। रविवार को मनाया गया विजयदशमी का पर्व। इस दिन कईं परंपराएं निभाई जाती हैं जैसे रावण का पुतलों का दहन, जवारे विसर्जन, शमी पूजा और शस्त्र पूजा आदि।

दशहरे पर शस्त्र पूजा की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। इस दिन पुलिस और सेना द्वारा भी शस्त्र की पूजा की जाती है।इन अस्त्र-शस्त्रों पर जल छिड़क कर पवित्र किया गया। इन शस्त्रों पर मौली (पूजा का धागा) भी बांधे। कुमकुम से सभी पर तिलक करें और धूप-दीप जलाएं। देवी को मिठाई का भोग भी लगाए गए। पुराणों के अनुसार, प्राचीन समय में महिषासुर नाम का एक दैत्य था। उसने देवताओं का भी पराजित कर दिया था। तब त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) ने अपने शक्तियों से एक शक्ति उत्पन्न की। इस शक्ति का नाम देवी दुर्गा रखा गया। देवताओं ने अपने अस्त्र-शस्त्र देकर शक्तिशाली बनाया।इन्हीं दिव्य अस्त्र-शस्त्र की सहायता से देवी ने महिषासुर का वध किया। जिस दिन देवी ने महिषासुर का वध किया, उस दिन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। अस्त्रों के महत्व को समझते हुए ही तभी से विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की परंपरा बनाई गई।दशहरे पर नीलकंठ पक्षी को लेकर क्या मान्यता है मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दरअसल, नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना जाता है।माता चंद्रिका का स्मरण नवदुर्गा की उपासना के बाद, दसवें दिन मातृ शक्ति की आराधना का विशेष महत्व होता है। इस दिन देवी चंद्रिका का स्मरण करते हुए शस्त्रों का पूजन किया गया। यह पूजा न केवल शस्त्रों की शक्ति को बढ़ाने के लिए की गई। बल्कि यह एक प्रतीक भी है। कि व्यक्ति अपने जीवन में हर क्षेत्र में विजय प्राप्त कर सके।इतिहास और परंपरा भारतीय संस्कृति में शस्त्र पूजा की परंपरा बहुत पुरानी है। इसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में भी वर्णित किया गया है। यह परंपरा हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई थी। जिन्होंने अपने उपकरणों और शस्त्रों को शक्ति और सम्मान का प्रतीक माना। विजयादशमी के अवसर पर इस परंपरा को मनाना हमारी संस्कृति की गहराई को दर्शाता है।विजयादशमी पर शस्त्र पूजा एक ऐसा अवसर है जब लोग अपने शस्त्रों और औजारों को सम्मानित करते हैं और उन्हें शक्ति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। यह परंपरा न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह समाज की एकता और संस्कृति को भी दर्शाती है। इस दिन, हम सबको एक साथ मिलकर अपनी परंपराओं का पालन करना चाहिए और विजयादशमी के इस पर्व को एक विशेष तरीके से मनाना चाहिए।

   शस्त्र पूजा का आयोजन सामूहिक रूप से भी किया गया। लोग एकत्र होकर सामूहिक शस्त्र पूजा किया। जिससे सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होने की बात कही गई। यह त्योहार केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लोगों को एकजुट करने का एक माध्यम भी है। इस मौके पर दंडाधिकारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था की गई। सुरक्षा के लिए दंडाधिकारी की उपस्थिति में पुलिस बल मौजूद रहे। जुलूस के आगे पीछे पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जुलूस के आगे बीच में वीडियोग्राफी भी कराई गई। मौके पर सीओ मधु सुधन चौरसिया , थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार , कृषि विभाग के श्री कांत कुमार, आलोक कुमार, सहित पुलिस बल मौजूद रहे। 


सरकार द्वारा तलवार, भाला की खेल प्रदर्शन करने पर रोक लगाने के कारण यह खेल तो नहीं दिखाया गया। जिसके कारण युवकों में आक्रोश भी देखा गया। शस्त्र पूजन करने वाले लोगों में निराशा भी दिखे। अपनी भारतीय परंपरा मां देवी की पूजा असुरों के नाश करने के लिए की जाती है। और तलवार भाला का प्रदर्शन न करने कारण कारण भारतीय खेल कौशल का प्रदर्शन भी नहीं कर पाए। इस कार्यक्रम में नोखा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी नागेंद्र चंद्रवंशी, जदयू के प्रखंड रूपेश चद्रवंशी, अशोक चौधरी, अजय चौधरी, अरविंद कुमार उर्फ बबलू ,इस कमेटी के सरक्षक चौधरी माखन सिंह,आदर्श नव युवक संघ पटेल नगर के अध्यक्ष धमेन्द्र चौधरी,संजय चौधरी उपाध्यक्ष ,योगेन्द्र पटेल कोषाध्यक्ष, व्यवस्थापक अमित पटेल, सचिव रवि पटेल, उपसचिव जलेंद्र गिरी,स ह सदस्य गण अमन पटेल, प्रियांशु पटेल आदर्श पटेल रितिक पटेल बबलू कुमार चन्दन पटेल, अमरेन्द्र कुमार, संजीत पटेल उपेन्द्र पटेल, राजू पटेल चौधरी, राजेश पटेल राजेश पटेल, शुभन पटेल, विवेक पटेल, शुभन पटेल । गुलशन पटेल बयुन कुमार , गपी पटेल मोहित पटेल, विहारी शाह, रोहित पटेल विट्टू पतेल, सोर पटेल आदि उपस्थित रहे। वही बोर्ड अपर प्राइमरी स्कूल में भी अध्यक्ष रौशन कुमार, मनीष कुमार, विनोद कुमार आदि द्वारा जुलूस निकला गया।

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