सदर अस्पताल में भटकते रहे मरीज, OPD सेवाएं बंद !


रोहतास।बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के निमंत्रण पर राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। इस कदम से अस्पतालों में सामान्य इलाज के साथ-साथ अन्य सेवाओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ा।


हड़ताल का कारण


इस हड़ताल का मुख्य कारण डॉक्टरों की सुरक्षा, वेतन, स्टाफ की कमी, बायोमेट्रिक हाजिरी, प्रशासनिक दबाव जैसे मुद्दों पर विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई गई है। BHSA के प्रवक्ता डॉ. विनय कुमार ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा, आवास, गृह जिला में पोस्टिंग, कार्य अवधि निर्धारण जैसी कई मांगें लंबित हैं । उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार पत्राचार के बावजूद समाधान नहीं निकाला, जिससे डॉक्टरों में रोष है ।


हड़ताल का कारण 2


शिवहर जिले में एक जिलाधिकारी की बैठक में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है, जिससे वहां के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन OPD बहिष्कार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर 29 मार्च तक कोई समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा । सरकार और डॉक्टरों के बीच इस टकराव से मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।


मरीजों को हुई कठिनाइयाँ


सासाराम के सदर अस्पताल में मरीजों को भारी असुविधा झेलनी पड़ी। रजिस्ट्रेशन, लैब जांच और दवा वितरण काउंटर पूरी तरह से बंद होने के कारण, कई लोग इलाज के लिए उलझन में पड़ गए। कुछ मरीज इलाज न हो पाने की वजह से वापस घर लौटने को मजबूर हो गए, जबकि अन्य को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ा।


निजी सुविधाओं का विकल्प


अस्पताल में सेवाओं की कमी के चलते, कई मरीज मजबूरी में निजी क्लिनिक और अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं। गोविंद पासवान, जिनकी पैर में दर्द के कारण अल्ट्रासाउंड की सलाह दी गई थी, बिना डॉक्टर से मिले ही लौटने को मजबूर हो गए। इसी तरह, धर्मवीर सिंह को अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए निजी क्लिनिक जाना पड़ा।


हड़ताल का समय और विशेष सेवाएँ


सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बीके पुष्कर ने बताया कि सरकारी अस्पतालों के सभी चिकित्सक हड़ताल पर हैं। यह तीन दिवसीय हड़ताल 27 से 29 मार्च तक चलेगी। इस अवधि के दौरान, डॉक्टर केवल इमरजेंसी, पोस्टमॉर्टम और डिलीवरी जैसी जरूरी सेवाओं का ही संचालन करेंगे।


अस्पताल परिसर में मौन


हड़ताल के पहले दिन ही अस्पताल परिसर में चुप्पी छा गई। हालांकि, अधिकांश चिकित्सक अपने-अपने विभागों में उपस्थित थे, परन्तु ओपीडी सेवाओं के बंद होने से पूरे अस्पताल का माहौल निर्जन सा हो गया। यह स्थिति रोहतास जिले सहित पूरे बिहार में देखी गई।

इस प्रकार, सरकारी अस्पतालों में जारी हड़ताल ने मरीजों के इलाज में बाधाएं उत्पन्न कर दी हैं, जिससे उन्हें निजी सुविधाओं का सहारा लेना पड़ रहा है।

रिपोर्टर

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