
विश्व पृथ्वी दिवस पर प्लास्टिक यूज छोड़ने की अपील
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Apr 22, 2025
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रोहतास। विश्व वसुंधरा दिवस यानी पृथ्वी दिवस 22अप्रैल को मनाया जाता है। जहां 1970 में अमेरिका में पहली बार मनाया गया एवं पृथ्वी पर हो रहे नुकसान को रोकने की अपील किया गया। लेकिन भारत के लोग ऋषि मुनी शुरू से ही कहते आए हैं कि सुबह उठकर सबसे पहले पृथ्वी मां को प्रणाम करो।
ॐ समुद्र वसने देवी पर्वतस्तन मंडिते।
विष्णुपत्नीं नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व में।।
अर्थात - समुद्र रुपी वस्त्र धारण करने वाली पर्वत रुपी स्तनों से मंडित हे माता पृथ्वी! आप मुझे पाद स्पर्श के लिए क्षमा करें और अपना आशीर्वाद प्रदान करें।
पृथ्वी सिर्फ मनुष्यों का ही नहीं, बल्कि करोड़ों जीव जंतुओं और वनस्पतियों का भी घर है, लेकिन मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी को कई तरह के नुकसान पहुंचा रहा है। इस संबंध में काशी काव्य संगम रोहतास जिले के जिला संयोजक कवि सह साहित्यकार सुनील कुमार रोहतास कहते हैं कि जिसके चलते बाढ़, प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी कई समस्याएं देखने को मिल रही हैं। अभी भी अगर इन समस्याओं पर ध्यान न दिया गया, तो आने वाले समय और कई खतरों की वजह बन सकता है।
हर साल 22 अप्रैल का दिन दुनियाभर में World Earth Day के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास मकसद लोगों को पृथ्वी के महत्व को समझाना पर्यावरण को बचाना और उसे बेहतर बनाने के प्रति जागरूक करना है।
दुर्भाग्य से, मनुष्यों ने पृथ्वी का बहुत अच्छा ख्याल नहीं रखा। हम सब ने कई तरह से इसे नुकसान पहुंचाया है। पर्यावरण की रक्षा के लिए और हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस धरती माता ग्रह को संरक्षित करने के लिए, पृथ्वी पुत्र बनकर हम सभी को स्वच्छ जीवन शैली की दिशा में सक्रिय कदम उठाने की ज़रूरत है। चाहे गैस हो, भोजन, कपड़े, कार, फर्नीचर, पानी, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स या अन्य सामान हो, हम सभी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।इन चीज़ों का इस्तेमाल करना बंद नहीं करना है, बल्कि अपनी आदतों को बदलना है, और इनका इस्तेमाल तभी करना है, जब बेहद ज़रूरी हो। साथ ही ऐसी चीज़ों को छोड़ना है जो हमारी पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
"री-यूज़ेबल बैग्ज़ का इस्तेमाल करें"।प्लास्टिक के ग्रोसरी बैग्ज़ भी एक बार उपयोग के बाद फेक दिए जाते हैं, जो पर्यावरण को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाते हैं। खाने की तलाश कर रहे जानवर प्लास्टिक को खाना समझकर खा लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। साथ ही प्लास्टिक को डीकॉम्पोज़ होने में काफी समय लगता है। आप जब भी शॉपिंग करने जाएं, तो हमेशा अपने साथ री-यूज़ेबल बैग साथ ले जाएं।
"प्रिंट तभी करें जब ज्यादा ज़रूरी हो"।हमें चीज़ों का प्रिंटआउट निकालना पसंद है, जो कुछ देर काम आता है और फिर बेकार हो जाता है। इससे कागज की काफी बर्बादी होती है। कागज पेड़ों से ही बनता है।पेपर बर्बाद करने से बेहतर है कि तभी प्रिंट आउट निकालें जब बेहद ज़रूरी हो।
"दोबारा इस्तेमाल होने वाले कंटेनर का उपयोग हमेशा करें"
ऐसी बोतल या कंटेनर का इस्तेमाल करें जिसे कई बार धो कर इस्तेमाल किया जा सकता हो। जैसे बाज़ार में मिलने वाली प्लास्टिक की बोतल की जगह अपनी बोतल कैरी करें और उसमें बार-बार पानी भर लें।
"बिजली को बचाएं"जैसे आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले बल्बों की जगह ऊर्जा-कुशल प्रकाश बल्बों का प्रयोग करें। यह ज़्यादा लंबे समय तक चलते हैं। जब आप टीवी, लाइट या फिर दूसरी इलेक्ट्रोनिक चीज़ो का इस्तेमाल न कर रहे हों, तो उसका स्विच ऑफ कर दें।
"पानी बचाएं" जैसे पानी की बर्बादी भी हम खूब करते हैं। जब आप दांतों को ब्रश कर रहे हों, तो पानी के नल को बंद कर दें। शॉवर तब तक न चलाएं, जब तक आप नहाने के लिए तैयार न हो जाएं। बर्तन धोते वक्त पानी की बर्बादी न करें।
"कार का इस्तेमाल कम से कम करें"।गाड़ियां पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। सार्वजनिक परिवहन लेना, पैदल चलना, या साइकल से सफर करना बेहतर विकल्प हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ आपके बजट में भी मदद करते हैं। साथ ही इससे आपका वर्कआउट भी हो जाता है। इसके अलावा आप कार पूल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, इससे पेट्रोल बचेगा और पैसे भी कम लगेंगे।
इस वर्ष, 2025, विश्व पृथ्वी दिवस की थीम " हमारी शक्ति, हमारा ग्रह " है। यह थीम लोगों, संगठनों और सरकारों की अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर स्विच करने और एक टिकाऊ भविष्य बनाने की आम जिम्मेदारी पर केंद्रित है। जिसमें सभी जरूरी है। लेकिन प्लास्टिक बंद होने की बाद भी इसका उपयोग धड़ल्ले से जारी है।जो सही नहीं है।
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