सासाराम में समधी के साथ समधन फरार


रोहतास।बिहार के सासाराम शहर में पारंपरिक रिश्तों की सीमाएं तब टूट गईं जब दो वयस्क, जो भविष्य में समधी और समधन बनने वाले थे, एक-दूसरे से शादी करने कोर्ट पहुंच गए। 40 वर्षीय दयाशंकर राम और 33 वर्षीय धर्मशीला देवी आज मंगलवार को कोर्ट मैरिज के लिए रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचे, लेकिन उनके परिवारों ने अचानक पहुंचकर दोनों की चप्पलों-जूतों से पिटाई कर दी।


पारिवारिक मेल-मिलाप से जन्मा प्रेम-संबंध


दयाशंकर राम, जो शिवसागर थाना क्षेत्र के धनवा गांव के निवासी हैं, अपने बेटे की शादी डालमियानगर की धर्मशीला देवी की बेटी से तय कर चुके थे। इसी रिश्ते के दौरान दोनों परिवारों के बीच संवाद बढ़ा और धर्मशीला व दयाशंकर की बातचीत मोबाइल पर शुरू हुई। धीरे-धीरे यह संवाद एक प्रेम संबंध में बदल गया। बताया जा रहा है कि दोनों ने पहले ही मंदिर में शादी कर ली थी।


पुरानी पीड़ाएं, नए फैसले


दयाशंकर की दो पत्नियों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और उनके तीन बच्चे हैं। वहीं, धर्मशीला तीन बच्चों की मां हैं और अपने पति सुनील राम से परेशान थीं। उन्होंने बताया, "मेरे पति मारपीट करते थे, इसलिए मैंने दयाशंकर से शादी करने का फैसला लिया। हम एक साल से संपर्क में थे और मुझे उनमें अपनापन मिला।"दंररंवं


कोर्ट में मचा बवाल


जैसे ही यह जोड़ा कोर्ट मैरिज के लिए पहुंचा, किसी ने परिवारों को खबर दे दी। दोनों पक्ष मौके पर पहुंचे और कोर्ट परिसर में ही दोनों प्रेमियों की जमकर पिटाई कर दी। धर्मशीला के पति सुनील राम ने कहा, "मैं इस रिश्ते का पहले से विरोध करता आ रहा था, लेकिन आज पत्नी कोर्ट में शादी करने पहुंच गई।"


हल की तलाश में लौटे घर


स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को दखल देना पड़ा। आखिरकार दोनों परिवार इस बात पर सहमत हुए कि वे घर लौटकर बैठकर मामले को सुलझाएंगे।


सवाल जो बाकी रह गए


यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि ग्रामीण और कस्बाई समाज में बदलते रिश्तों और परंपराओं के टकराव की तस्वीर है। यह घटना न केवल एक प्रेम कहानी है, बल्कि उस सामाजिक सोच को भी चुनौती देती है, जहां उम्र, रिश्ते और परंपरा के दायरे में ही भावनाएं बांधी जाती हैं। सवाल यह है कि क्या वयस्कों को अपने जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, या समाज तय करेगा कि प्यार किस हद तक जायज़ है?

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट