कैमूर: मोहनिया के चांदनी चौक पर VIP कल्चर हावी, नो-एंट्री में धड़ल्ले से घुस रही प्रशासनिक गाड़ियां

जिला संवाददाता संदिप कुमार 


मोहनियां (कैमूर): कैमूर जिले के मोहनिया शहर का चांदनी चौक, जहां ट्रैफिक नियमों का पालन आम जनता के लिए अनिवार्य है, वहीं जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी इन नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से "नो ट्रैफिक जोन" में प्रवेश कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल यातायात व्यवस्था को बाधित कर रही है, बल्कि आम नागरिकों में भी रोष पैदा कर रही है, जो समान नियमों के पालन की अपेक्षा रखते हैं। चांदनी चौक पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी जहां छोटे वाहनों, प्राइवेट गाड़ियों और ई-रिक्शा चालकों का नो-एंट्री में घुसने पर तुरंत चालान काट देते हैं, वहीं प्रशासनिक गाड़ियों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। आरोप है कि वरीय अधिकारी ट्रैफिक इंस्पेक्टर को अपने पद का भय दिखाकर जबरन नो-एंट्री जोन में घुस जाते हैं। इस दोहरी नीति से ट्रैफिक नियमों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।


आम जनता के लिए नियम, अधिकारियों के लिए अपवाद?


स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक नियम सभी के लिए समान होने चाहिए। जब एक आम नागरिक को नो-एंट्री जोन में प्रवेश करने पर जुर्माना भरना पड़ता है, तो प्रशासनिक अधिकारी इससे अछूते क्यों रहें? यह वीआईपी संस्कृति यातायात व्यवस्था को कमजोर कर रही है और कानून के प्रति सम्मान को कम कर रही है। एक ऑटो चालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमें  तो जरा सी गलती पर रोक लिया जाता है और चालान काट दिया जाता है। लेकिन बड़ी-बड़ी सरकारी गाड़ियां सायरन बजाते हुए नो-एंट्री में घुस जाती हैं और उन्हें कोई नहीं रोकता। यह सरासर नाइंसाफी है।"


ट्रैफिक पुलिस की मजबूरी या मिलीभगत?


इस मामले में ट्रैफिक पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। क्या वे वाकई वरीय अधिकारियों के दबाव में हैं, या यह एक प्रकार की मिलीभगत है? ट्रैफिक इंस्पेक्टर को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सभी के लिए समान नियम लागू करने चाहिए, चाहे वह कोई भी हो। वरीय अधिकारियों का डर दिखाकर नियमों का उल्लंघन करवाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।


प्रशासनिक अधिकारियों से अपील: स्वयं बनें मिसाल


जिला प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए। वरीय अधिकारियों को स्वयं ट्रैफिक नियमों का पालन कर आम जनता के सामने एक मिसाल पेश करनी चाहिए। यदि वे स्वयं नियमों का उल्लंघन करेंगे, तो वे आम जनता से उनके पालन की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? इस मामले में जिला प्रशासन को तत्काल प्रभाव से जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मोहनिया के चांदनी चौक पर यातायात नियम सभी के लिए समान रूप से लागू हों। नियम तोड़ने वालों को सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।

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