कल्याण मे फेरीवाला दस्ते के कर्मचारियों के काम की समीक्षा आयुक्त करेंगे--मारूति खोडके

मूल विभाग में भेजने पर आयुक्त का फैसला करेंगे

कल्याण( ओमकार मणि) ।।कडोंमनपा के फेरीवाला अतिक्रमण विभाग के कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली के मामले में सुरक्षा रक्षक की पिटाई का मामला मनपा प्रशासन के गले की हड्डी बन गया है, जे/४ प्रभाग मे फेरीवाला पथक के कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा रक्षक गणपत सोनवणे का मामला पुलिस थाने तक पहुँचा।इस वारदात से प्रशासन पर मनपा के इस दश्ते के कर्मचारियों और उनके कार्यकलाप की समीक्षा करने की बाध्यता आ गई है,हालांकि प्रशासन ने इस मामले मे तत्परता बरतते हुए सुरक्षा रक्षक की मनपा मुख्यालय में बदली कर दी है,इस मसले पर उपायुक्त सामान्य प्रशासन (प्रभारी)मारूति खोडके ने जानकारी दी कि सुरक्षा रक्षक से मार पीट का मामला प्रभारी आयुक्त अन्ना साहेब मिसाल के संज्ञान मे है,फेरीवाला दश्ते के आरोपी कर्मचारियों की जांच का प्रभारी आयुक्त ने निर्देश दिया है,जांच के बाद कर्मचारियों पर कारवाई की जायेगी, और इस दश्ते के काम काज की समीक्षा २९ दिसंबर तक आयुक्त के वापस आने पर ही कुछ कह सकते अभी तो फिलहाल इस मामले पर कुछ कहा नही जा सकता है।

मनपा के जे/४ प्रभाग में दिनांक २५नवंबर को              फेरीवाला दश्ते के कर्मचारियों  सचिन चौधरी व बंडू मोठवे, द्वारा फेरीवालों से जब्त किये माल बिना रशीद बनाये अवैध रूप से पैसे लेकर संबंधितों को वापस दिया जा रहा था, जिसकी रशीद की मांग सुरक्षा रक्षक द्वारा की गई थी।रशीद की मांग पर फेरीवाला दश्ते के सचिन चौधरी ने अपने साथी बंडू मोठवे के साथ मिलकर सुरक्षा रक्षक को पीटा।इस मामले को महात्वपूर्ण तथ्य ये है। की मनपा राजस्व चोरी खुद  विभागीय स्त र पर होता है।

हालांकि मनपा प्रशासन ने,सुरक्षा रक्षक की फेरीवाला दश्ते कर्मचारियों द्वारा पिटाई का सी सी टीवी वीडियो फुटेज पत्रकारों के हाथ नही लगे इसमे सफल रहा, लेकिन इस मामले से मनपा के अ. बा. नि. और अतिक्रमण विभाग का काला चिट्ठा देर सबेर उजागर होना ही है, ऐसा यकीन सुरक्षा रक्षकों को है। सुरक्षा रक्षकों के अनुसार यह मामला तूल नही पकड़े इस लिए दिखावा करने के तौर पर जांच की प्रक्रिया करनी है, साथ ही कुछ कर्मचारियों को मूल विभागों मे भेजा जायेगा ऐसा दावा सूत्रों का है।सुरक्षा रक्षकों के अनुसार पूरे मनपा में यही होता है, बिना रशीद बनाये जब्त किये गये सामानों को संबंधितों को वापस किया जाता है।

कल्याण में फेरीवाला समस्या पर शहर के वरिष्ठ राजनीतिक कार्यकर्ता संजय पाटील भी यही कहते हैं की फेरीवाला समस्या पर फेरीवाला दश्ते के कार्यों की समीक्षा जरूरी तो है ही।संजय पाटील का यह भी कहना है कि मनपा प्रशासन नियोजन करे तो इस समस्या का हल होगा। पाटील के अनुसार पूर्व आयुक्त रामनाथ सोनवणे ने फेरीवाला दश्ते के कर्मचारियों को समय समय पर बदलते रहने का काम किया था। जिससे इस समस्या पर नियंत्रण था।

महत्वपूर्ण तथ्य यह है यह दश्ता फेरीवालों से जो दंड की रकम वसूल करता है।उसका कोई रिकार्ड नही है। और किससे कितना दंड वसूली की गई इसका भी कोई रिकार्ड प्रशासन द्वारा नहघ बताया जाता है। मनपा का पूरा काम कंप्यूटरीकृत है मगर मनपा के अतिक्रमण या अनधिकृत विभाग द्वारा एक भी कंप्यूटरीकृत आकड़ेवारी उपलब्ध नही है,लगभग१० करोड़ रूपया मनपा इस दश्ते पर खर्च करती है, मगर यह दश्ता मनपा के उद्देश्यों पर खरा नही उतरा।मनपा की महासभा मे सड़कों पर अतिक्रमण और फेरीवाला मुद्दा नगरसेवक लगातार उठाते हैं मगर नतीजा कुछ भी नही निकलता है। अब मामला पुलिस थाने तक पहुंचने पर मनपा प्रशासन शायद समीक्षा को बाध्य हो।

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