मास्क के नाम पर जुर्माना बना कमाई का धंधा-पदाधिकारी खुद नहीं करते मास्क का प्रयोग

कुदरा से चन्द्रभूषण तिवारी कि रिपोर्ट

कुदरा (कैमूर) ।। प्रखंड और जिला अंतर्गत वैश्विक महामारी कोविड-19 के तीसरी लहर की संभावना का बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया है। जिसमें की मास्क ना पहनने वालों पर जुर्माना का भी प्रावधान है। जबकि किसी भी कार्यालय में या कार्यक्रम में देखा जाए तो 99% पदाधिकारी व कर्मचारी बिना मास्क के पाए जाते हैं। जबकि उन्ही पदाधिकारियों के आदेश व नेतृत्व में सड़क पर जहां-तहां टीम बनाकर मास्क ना पहनने वालों से जुर्माना वसूला जाता है। कहीं तो रसीद भी थमाया जाता है, पर कहीं-कहीं यह कमाई का धंधा बन चुका है।बहुत ही सोचनीय विषय है। क्या ऐसा कानून सिर्फ गरीब मजदूरों के लिए ही है। क्या पदाधिकारियों के लिए नहीं। जितना भी नियम एवं कानून को बनाया गया है उससे पदाधिकारी तथा अधिकारी को कोई भी फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि वह अधिकारी हैं और जनता जनार्दन कि आखिर सुनने वाला भी कौन है नियम तो सबके लिए एक बराबर होना चाहिए । जनता जनार्दन बिना मार्क्स के दिखे तो फाइन पर फाइन किया जाना और पदाधिकारी बिना मार्क्स के बैठे तो उन पर कोई जुर्माना नहीं क्या अधिकारियों के मास्क न लगाने  से नियम का उल्लंघन नहीं हो रहा है क्या

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