सत्यगाथा
- Hindi Samaachar
- Oct 04, 2018
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खाला क़ा घर हैं नही , मेरा भारत देश
बर्बर तुम्हरा रूप हैं , पता चला हैं भेष
पता चला हैं भेष , उठालो बोरिया बिस्तर
अगर बने नासूर ,तॊ चल जायेगा नश्तर
कह बृजेश कविराय हैं ,यही देश की चाह
अमल करो फरमान पे पकड़ो अपनी राह
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