
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव को जारी किया कारण बताओ नोटिस
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Sep 21, 2022
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जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट
कैमूर ।। जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत विद्युत कर्मी की करंट से हुई मौत के मामले में सरकार द्वारा मृतक के परिवार को मुआवजा न देने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने प्रमुख सचिव बिहार सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामला चैनपुर थानांतर्गत हाटा पावर हाऊस से सम्बंधित है। बिजली मिस्त्री अनिल कुमार तिवारी निवासी खरीगांवा थाना चैनपुर कैमूर ने सट् डाउन लेकर 11 हजार केवीए की लाइन जोड़ रहा था। कि बिना सूचना दिए ही विद्युत आपूर्ति चालू कर दी गई। जिसके चपेट में आने के बाद विद्युत कर्मी बुरी तरह से झुलस गया। जिसको तत्काल हॉस्पिटल पहुचाया गया। जहाँ डाक्टरो ने उसे मृत घोषित कर कर दिया। मामले को संज्ञान में लेते हुए मनवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेन्द्र कुमार सिंह (योगी) ने मृतक के परिवार को मुआवजा एवं दोषी बिजली कर्मचारी के ऊपर कठोरतम कार्यवाई के लिए आयोग में शिकायत भेजी थी। आयोग ने मामले पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए विजली विभाग को नोटिस भेजा।दिनांक 1/08/2022 के निर्देश के आलोक में उप महाप्रबंधक , दक्षिण बिहार विद्दुत वितरण कंपनी लिमिटेड, पटना से दिनांक 22/08/2022 की एक रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें कहा गया है कि घटना 1/04/2022को हुई थी जब ठेका मजदूर अनिल कुमार तिवारी विद्युत वितरण शाखा, चैनपुर की करंट लगने से मौत हो गई है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि विजली मिस्त्री की मौत होने पर अधिकतम चार लाख रुपये बीमा राशि के भुगतान का प्रावधान है। और बीमा कंपनी को घटना के लिए पत्र जारी कर दिया गया है।विजली विभाग ने अपने रिपोर्ट में कहा कि बिजली मिस्त्री के करंट से मौत के मामले में कोई विभागीय विफलता नही है। आयोग ने रिपोर्ट पर विचार किया और कहा कि शिकायत कर्ता के प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि मृतक अनिल कुमार तिवारी की मृत्यु ड्यूटी के दौरान विजली का करंट लगने से हुई थी और दर्शाता है कि विद्युत विभाग की ओर से घोर लापरवाही की गई है। आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि लोक सेवको द्वारा मृतक के मानवाधिकारो का उलंघन किया गया है।और राज्य अपने कर्मचारियों द्वारा किये गए कृत्य के लिए प्रतिकारात्मक रूप से उत्तरदायी है। तदनुसार बिहार सरकार के प्रमुख सचिव को पीएच आर अधिनियम की धारा 18(1)( ए) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। आयोग ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की ओर से की गई लापरवाही के लिए मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का भुगतान अभी तक क्यो नही किया गया । आयोग ने प्रमुख सचिव को चार सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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