दिनदहाड़े हत्या से थर्राया फतेहपुर,अपराधी बेलगाम

रिपोर्ट - सत्यवेन्द्र यादव आजाद 

प्रयागराज :- फतेहपुर जनपद में आये दिन बड़ी घटनाओं ने आम आदमी के अंदर एक डर सा पैदा कर दिया है,कहीं हत्या तो कहीं लूट तो कहीं पाउडर लिए घूम रहे टप्पेबाज या फिर सरेराह महिलाओं को टारगेट करने वाले चेन लुटेरे।आखिर कब, कौन,कहाँ आप किसी अपराधी का शिकार हो जाएं ये नहीं पता। महिलाएं घर से निकलती हैं तो सोचती हैं कहीं चेन छीनने वाला एक बेखौफ लुटेरा उनकी जिंदगी ही न छीन ले, आखिर इन परिस्थितियों में जिस पुलिस से हम रक्षा की उम्मीद रखते हैं उसका ज्यादा ध्यान तो वसूली में है,अफसर अधीनस्थ की सच्चाई सुनना पसंद नहीं करते उन्हें लगता है कि ये पुलिस की बुराई है,जबकि सच्चाई यही है कि अगर बीट का सिपाही अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो अस्सी फीसदी अपराध पर लगाम लग जाये, मगर यहां तो चौकी में पोस्ट होने के बाद सबसे पहले दरोगा पुराने दरोगा से यही पूछता कि साहब महीना कहाँ कहाँ से आ रहा है अगर इसी स्थान पर वह यह जानने की कोशिश करे कि उनके क्षेत्र में इनामिया, गैंगेस्टर, मोस्टवांटेड कौन कौन हैं और कौन कौन लोग हैं जो अपराधियों को पनाह देते हैं तो शायद स्थितियां आज से इतर होतीं। वहीं आज अगर इस दिल दहला देने वाली घटना की बात करें तो ये घटना रिश्तों को शर्मसार करने वाली थी जब एक बेटे ने ही महज धन के लालच में पिता की हत्या कर दी, शांतिनगर निवासी गोवर्धन मिश्र ने दो शादियां की थीं और दोनों पत्नियों के पुत्रों को संपत्ति भी दी थी मगर ज्यादा कम के इस चक्कर मे एक बेटे रविशंकर ने पिता की दिनदहाड़े राजकीय बालिका इंटर कालेज के सामने गोली मार कर हत्या कर दी और तब भी जी नहीं भरा और पिता पर चाकूओं से कई वार भी किये। इस पर भी पुलिस की नाकामी स्पष्ट नजर आती है जब अपराधी दिन दहाड़े दस से पन्द्रह मिनट शहर के सबसे ब्यस्ततम इलाके में असलहे लहराते रहे और रोड में दौड़ा दौड़ा कर हत्या की और गलियों से भागते हुए फरार हो गए, हालांकि मुजरिमो के नाम स्पष्ट हैं तो शायद पुलिस इन्हें पकड़कर अपना गुडवर्क भी बताएगी नहीं तो शहर के कई ब्लाइंड मर्डरों में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं और महिलाओं के गर्दन तक पहुंचने वाले हाथों तक भी पहुंच पाने में कोतवाली पुलिस नाकाम है।  

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