भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में जिला पदाधिकारी दिख रहे विफल

संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमुर ।। जिला में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है, अधिकारियों द्वारा धन उगाही के चक्कर में कोई भी कार्य समय सीमा से नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं में अक्सर खामियां पाया जाता है जिसका की शिकायत करने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता, शिकायतकर्ता की बातें अनसुना कर दिया जाता है। पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिखावे के लिए निरीक्षण भी किया जा रहा है, पर ले देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। कुछ मामले तो जिला पदाधिकारी तक पहुंच भी नहीं पाता पर जो मामले आवेदकों द्वारा पहुंचाया भी जाता है, उस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं होता है। आवेदकों द्वारा दो चार चक्कर लगाने के बाद मामले से किनारा कर लिया जाता है।अभी इसी वर्ष में ताजा मामला रामपुर प्रखंड के खरेंदा पंचायत का है जिसमें की मनरेगा कार्य योजना के अंतर्गत, पंचायत के मुखिया एवं रोजगार सेवक द्वारा मृत लोगों के नाम पर भी सरकारी राशि का गमन करने का आरोप पंचायत वासियों द्वारा लगाया गया था। जिसके कारण मुखिया एवं रोजगार सेवक द्वारा विरोध करने वाले के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट का झूठा मामला दर्ज करा कर केस में फंसा दिया गया। जि के संदर्भ में समाचार पत्रों के माध्यम से भी मामले को उजागर किया गया। जिस के संदर्भ में जिला पदाधिकारी द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया। ऐसे ही अनेकों मामले भूमि अतिक्रमण से संबंधित है जो कुछ देने में असमर्थ है उनसे तो भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाता है पर जो भूमाफिया भूपति पूंजीपति हैं उनके ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं किया गया। जिससे कि यह प्रतीत होता है कि जिला पदाधिकारी महोदय भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने में असमर्थ हैं।खरेंदा पंचायत के भोरेयां ग्रामवासी संतोष कुमार यादव द्वारा पुनः जिला पदाधिकारी को जांच हेतु आवेदन दिया गया। अब देखना यह है कि जिला पदाधिकारी महोदय इस पर भी कोई कार्यवाही करते हैं या मामले को ऐसे ही रफा-दफा कर देते हैं। इस तरह क्या है कोई एक मामला नहीं है ऐसे अनेकों मामले हैं जो कि आए दिन देखने को मिलता है।

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