बाल दिवस : चाचा नेहरू को याद कर लिया शिखर छूने का संकल्प

राजीव कुमार पाण्डेय 

रामगढ़ (कैमूर)।। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विद्यालयों मे चाचा नेहरू के 133वीं जयंती के अवसर पर बाल दिवस के रूप मे मनाया गया।इसी कड़ी मे मध्य विद्यालय डरवन मे कार्यक्रम के अंतर्गत केक काट कर बच्चों को मिठाईयां, पुस्तकें, व कलमें वितरित कर हर्षोल्लास के साथ बाल दिवस मनाया गया। बच्चों व बच्चियों द्वारा भी अवसर को यादगार बनाते हुए विद्यालय परिसर मे वृक्षा,पुष्प रोपण कर व रंगोली बनाकर प्रस्तुति कर मनमोहक दृश्य का संचार किया गया। वहीं अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधान शिक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने बच्चों को बताया कि 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद से, उनकी जयंती पर 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।अपने संबोधन मे पूर्व सीआरसीसी जयबिंद सिंह ने बताया कि चाचा नेहरू के तौर पर लोकप्रिय पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य और समाज की नींव होते हैं। बाल दिवस नेहरू की जयंती के अलावा, बच्चों की शिक्षा और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है। वहीं विद्यालय के शिक्षक प्रहलाद सिंह ने नेहरू के कहे बातों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। हम जिस तरह से उनका पालन पोषण करेंगे वह देश के भविष्य को निर्धारित करेगा प्रधानमंत्री बच्चों से बहुत प्यार करते थे बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू का कर बुलाते थे यही वजह थी कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया वे कहते थे कि टूटे हुए आदमियों की मरम्मत करने की तुलना में मजबूत बच्चे बनाना आसान है। बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं उन्हें जिस तरह ढाला जाए वो वैसे बन जाते हैं।इस अवसर पर प्रधानाध्यापक महेंद्र प्रताप सिंह, जयबिन्द सिंह, प्रहलाद सिंह,लक्ष्मण प्रसाद, मुस्ताक अहमद सहित अन्य शिक्षक के साथ विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव अन्जनी उपाध्याय उपस्थित रही।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट