बक्सर लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रक्रिया हुई तेज

"राजद और बीजेपी में घमासान"

संवाददाता सोनी कुमारी की रिपोर्ट

रामगढ़ (कैमूर)संवाददाता की लेखनी से- प्रखंड अंतर्गत आगामी 1 जून को बक्सर लोकसभा के लिए मतदान होना है, जहां से 21 निर्दलिय समेत कुल 26 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपने भाग्य की आजमाइश कर रहे हैं। जिसको लेकर प्रचार प्रसार की प्रक्रिया में गति आ गई है,वहीं प्रत्याशी तरह-तरह के वादों के साथ जनता के बीच उनके दरवाजे पहुंच रहे हैं। अगर बक्सर लोकसभा की बात करें तो यहां पर मुख्यतः एनडीए और यूपीए में आमने-सामने की लड़ाई देखने को मिल रहा है। एनडीए से बीजेपी के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी और यूपीए के राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के बीच चुनावी घमासान है। अगर बक्सर लोकसभा में जातिगत समीकरण की बात करें तो जातिगत समीकरण में सबसे अधिक ब्राम्हण जाति का वोट है ,वही दूसरे नंबर पर भूमिहार वर्ग और तीसरे नंबर पर राजपूत और यादव वर्ग आता है।

एक नजर कैसा रहा पिछला लोकसभा चुनाव

2009 में बक्सर लोकसभा का परिसीमन  बदलने के बाद अगर सांसदों की बात करें , तो 2009 में राजद के जगदानंद सिंह ने पहली बार तत्कालीन बीजेपी सांसद लालमुनि चौबे को हराकर जीत हासिल की थी, जिसके बाद मोदी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद की हार हुई, और  बीजेपी प्रत्याशी अश्विनी कुमार चौबे सांसद बनें जो लगातार यह लोकसभा सीट बीजेपी के पाले में रही । अब यह देखना दिलचस्प होगा की भाजपा के प्रत्याशी मिथलेश तिवारी अपनी पार्टी  विरासत को बचा पाते है, या फिर राजद के प्रत्याशी सुधाकर सिंह अपने पिता की खोई हुई विरासत पर वापसी करते हैं। अगर हम बक्सर लोकसभा की बात करे तो यह क्षेत्र कभी किसी पार्टी का गढ़ नही रहा है। यहा के लोगो ने कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी पर भरोसा जताया। पूर्व में सीपीआई को भी मौका मिला। यहां से भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक 6 बार  जीत मिली, वही कांग्रेस 5 बार जीत हासिल करने में सफल रही है।बक्सर लोकसभा में कुल 6 विधानसभा है, जिसमें बक्सर जिला के ब्रह्मपुर ,डुमराव, बक्सर, राजपुर इसके अलावा कैमूर के रामगढ़ और रोहतास जिले का दिनारा विधानसभा क्षेत्र शामिल है।हालांकि इस बार भी चर्चा था की इंडी गठबंधन में सामिल कांग्रेस बक्सर लोकसभा सीट पे अपनी दावेदारी कर सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसका मलाल कही न कही कांग्रेसियों को है। और अगर सूत्रों के हवाले से बात करें, तो कांग्रेस के लोग बक्सर सीट न मिलने के कारण काफी नाराज है, और राजग गठबंधन को चुनने का मन बना रहे हैं।अब देखना यह है की यह सीट किसके खाते में आती है।

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