जिला पदाधिकारी के आश्वासन पर किसानों ने वोट बहिष्कार निर्णय लिया वापस
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- May 22, 2024
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कैमूर - जिले में भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए एवं एन एच 219 चौड़ीकरण एवं बाईपास निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करते समय जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। नाहीं किसानों को विश्वास में लिया गया, भूमि अधिग्रहण करते वक्त भूमि की प्रकृति एवं उपयोगिता के निर्धारण के लिए 6 सदस्यों की समिति नहीं बनाई गई। भूमि अधिग्रहण में आवासीय विकासशील एवं बहुफसली भूमि को कृषि घोषित किया गया। अनुचित तरीके से कर्मिशयल भूमि को कृषि घोषित किया गया।जिसे लेकर किसानों में आक्रोश पनपा। भूमि अधिग्रहण में किसानों के आपत्ति का पर्याप्त समय एवं जानकारी नहीं दी गई नाहीं आपत्ति का सही तरीके से सुनवाई या निस्तारण नहीं किया गया। किसानों को मुआवजा देते समय बाजार मूल्य का बिना आकलन किए 2013 सर्किल रेट पर मुआवजा का निर्धारण किया गया जो बहुत कम है। उचित मुआवजा की मांग कर किसानों की कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले दो सालों से आंदोलन कर रहे किसानों के सरकार के द्वारा किसी तरह बातचीत का प्रस्ताव नहीं दिया गया। मुआवजा संबंधित या अन्य आपत्ति के निस्तारण के लिए जिला में आर्बिटेटर बहाल करने की मांग आजतक पुरी नहीं की गई। 77 दिन चले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के बाद किसानों के समस्याओं को लेकर सरकार उदासीन बनी रही। किसानों की किमती बहुफसली भूमि अधिग्रहण की जा रही है दर्जनों किसानों की पुरी जमीन चली जा रही है। उनके सामने रोजगार एवं परिवार के भरण-पोषण की समस्या है। कम मुआवजा एवं सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैया से दुःखी होकर आगामी लोकसभा चुनाव में किसानों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर एवं भारतीय किसान यूनियन कैमूर के वोट बहिष्कार के आह्वान का किसानों एवं मजदूरों का भरपूर समर्थन मिला। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला अधिकारी कैमूर के आश्वासन के बाद किसानों की सहमति के बाद किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर एवं भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने वोट बहिष्कार का निर्णय वापस लिया और किसानों एवं मजदूरों से लोकतंत्र महापर्व में भाग लेने का आग्रह किया।
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