सहकारिता विभाग धान की खरीदारी में दिख रहा फेल, तो डीएपी की कालाबाजारी का हो रहा जोरों से खेल

कैमूर--बिहार के सहकारिता मंत्रालय ने 1 नवंबर से उतरी बिहार में धान की खरीदारी शुरू करने का निर्देश दिया था, जबकि दक्षिण बिहार में धान की खरीदारी 15 नवंबर से शुरू है। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी दक्षिण बिहार में धान की खरीदारी शायद ही कहीं शुरू हुई होगी ? इसके पीछे मुख्य वजह है कि पैक्स अध्यक्ष पैक्स चुनाव में बिजी हैं। उनको लगता है कि अगर हम खरीदारी शुरू कर देंगे और चुनाव हार जाएंगे, तो उसके बाद समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। तो क्या इसके लिए जिला सहकारिता पदाधिकारी कैमूर को वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करनी चाहिए ? अगर कोई पैक्स अध्यक्ष धान की खरीदारी नहीं करना चाहते हैं, तो उनकी जगह पर वैकल्पिक खरीददारी की जिम्मेदारी विभाग को नहीं उठानी चाहिए ? आखिरकार धान की खरीदारी सहकारिता विभाग द्वारा न करने के कारण किसान 2,000  रूपए प्रति क्विंटल धान बेचने पर मजबूर हैं। जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2,300 प्रति क्विंटल है। एक तरफ किसानों को 300 रूपए प्रति क्विंटल कम पर अपने अनाज बेचने पड़ रहे हैं। वहीं गेहूं बुवाई के लिए डीएपी खरीदने जा रहे किसानों से खुदरा बाजार में निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य 1300 रूपए प्रति बोरी की जगह 2000 रुपए प्रति बोरी डीएपी के नाम पर धन उगाही हो रही है। किसान 700 रूपए प्रति बोरी अधिक देकर के डीएपी खरीद रहा है। क्योंकि डीएपी के बगैर गेहूं की बुवाई संभव नहीं है और अगर डीएपी की किल्लत ऐसे ही बनी रही, तो गेहूं के उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। क्या इसके लिए केंद्र सरकार व बिहार सरकार ने पूर्व से कोई तैयारी नहीं की ? बिहार को जितना डीएपी की जरूरत है, वह कोटा क्यों नहीं पूरा किया गया ? आखिर जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं ? सांसद साहब इस मुद्दे को संसद भवन में क्यों नहीं उठा रहे हैं ? विधायक महोदय लोग मुख्यमंत्री से मिलकर के समस्या के समाधान पर क्यों नहीं बात कर रहे हैं ? क्या विधायक और सांसद सिर्फ शादी समारोह में शामिल होने के लिए और दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए चुने गए हैं ? किसानों के इस शोषण पर कोई भी जनप्रतिनिधि क्यों नहीं बोल रहा है ? क्या खाद की कालाबाजारी में प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता है ? कैमूर किसान यूनियन के संस्थापक सदस्य पंकज राय ने कहा कि शासन और प्रशासन सुनिश्चित करें कि जल्द से जल्द धान की खरीदारी शुरू हो पैक्स और व्यापार मंडल में एवं किसानों को डीएपी उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाए। जैतपुरा के किसान अश्वनी राय, अरविंद राय, रामायण मुसहर, मुन्ना राय और लाल राय ने समस्या के त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया।

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