सिविल कोर्ट की अदालत में गैंगरेप के अभियुक्त को हुआ 25 वर्ष का सश्रम कारावास

कैमूर-- सिविल कोर्ट भभुआं की अदालत में गैंगरेप के अभियुक्त को हुआ 25 वर्ष की सश्रम कारावास। दिनांक 4 जून 2025 को 12:30 बजे दिन में एडीजे प्रथम सह एडल्ट चाइल्ड विशेष न्यायाधीश बलजिंदर पाल कैमूर भभुआं की अदालत ने अभियुक्त अरबाज आलम उर्फ पल्लू पिता मोहम्मद जुल्फिकार अली ग्राम- पिपरा करणपुरा, थाना- दुर्गावती, जिला- कैमूर (भभुआं) वर्तमान पता मोहनियां वार्ड नंबर- 16, थाना- मोहनिया, जिला- कैमूर को मोहनियां थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिक युवती के साथ दिनांक 15 नवंबर 2019 को मोहनियां - भभुआं रोड में रतवार नदी के पास चार लोगों ने गैंगरेप किया था। जिस मामले में दिनांक 24 नवंबर 2019 को भभुआं महिला थाना में पीड़िता सह सुचिका नाबालिक युवती के द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था। जिसका भभुआं महिला थाना कांड संख्या 82 सन 2019 मामला दर्ज किया गया था। मामले में अभियुक्त अरबाज उर्फ पल्लू को धारा 376 D भा.द.वी. में 20 बरस का सश्रम कारावास का न्यायालय ने सजा सुनाया, एक लाख रुपया फाइन नहीं देने पर 1 साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाया। पोक्सो एक्ट की धारा 6 में 20 बरस का सश्रम कारावास एवं एक लाख रुपए का फाइन नहीं देने पर दो बरस का सश्रम कारावास का सजा सुनाया।पोक्सो की धारा 14 (2) में 25 बरस का सश्रम कारावास, दो लाख रुपया फाइन नहीं देने पर 2 साल का कारावास की सजा सुनाए। धारा 366 भा.द.वी. के अंतर्गत 10 साल का सश्रम कारावास का सजा सुनाया गया । 10000 रुपए फाइन नहीं देने पर 1 साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास का सजा सुनाया। धारा 67 बी आईटी एक्ट के अंतर्गत 5 बरस का सश्रम कारावास का सजा सुनाया। दो लाख रुपया फाइन नहीं देने पर दो साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई। धारा 506 भादवी के अंतर्गत 4 वर्ष का सश्रम कारावास का सजा सुनाया फाइन दस हजार रुपए नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाया। धारा 504 भादवी में 1 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाया, फाइन पांच हजार रुपए नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त सजा सुनाया। 342 भा.द.वी. मे एक साल तक का सश्रम कारावास का सजा सुनाया एक हजार रुपए फाइन नहीं देने पर 2 महीना का अतिरिक्त सश्रम कारावास का सजा सुनाया । धारा 341 भा.द.वी. में एक महीने का कारावास। 201 भा.द.वी. में एक साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। पांच हजार रुपए फाइन नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाया । इस केस के विशेष लोक अभियोजक रामनिवास राम एवम इस केस की सूचिका के अधिवक्ता मंटू पाण्डेय सहयोगी अधिवक्ता ऋषभ कुमार मौर्य ने पक्ष रखा। सूचिका के अधिवक्ता मंटू पाण्डेय ने बताया कि मोहनियां थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिक युवती दिनांक 15 नवंबर 2019 को मोहनिया प्रैक्टिकल का कॉपी खरीदने गई थी दोपहर 12 बजे के बीच में मोहनिया मुंडेश्वरी गेट के पास एक स्विफ्ट डिजायर कार में चार अभियुक्त गण जबरदस्ती गाड़ी में ढकेल के बैठाकर मोहनियां-भभुआं रोड में नदी के पास ले जाकर बंद गाड़ी में युवती के साथ बारी-बारी से चारों ने बलात्कार किया और सूचिका सह पीड़िता को लोगों ने धमकी दिया, कि अगर केस करोगी और अपने घर में किसी को बताओगी तो तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की हत्या करवा देंगे। इस मामले को लेकर पीड़िता ने डर के मारे किसी से नहीं कहा। दिनांक 24 नवंबर 2019 को गैंगरेप की घटना का तीन वीडियो वायरल हो गया इस मामले को लेकर मोहनियां शहर में रोड पर जाम तोड़फोड़ आम जनता ने किया । इस मामले को लेकर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा पीड़िता सह सूचिका के द्वारा दिनांक 24 नवंबर 2019 को महिला भभुआं थाना में लिखित आवेदन दिया गया। जिसका महिला थाना भभुआं कांड संख्या 82 सन 2019 बना। इस मामले को लेकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक दिल नवाज अहमद और तत्कालीन डीएम के द्वारा दो दिनों के अंदर ही चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। और 30 नवंबर 2019 को चारों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित हुआ था। इस मामले में पीड़िता का 164 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत दिनांक 25.11.2019 को न्यायालय में बयान हुआ था । इस केस में जेल में टीआईपी भी कराया गया था। एक अभियुक्त का ट्रायल नाबालिक कोर्ट में चल रहा है। इस केस में दो अभियुक्त गण का ट्रायल ए डी जे छह पोक्सो के विशेष न्यायाधीश आशुतोष कुमार उपाध्याय सिविल कोर्ट भभुआं कैमूर की अदालत ने अभियुक्त सिकंदर अंसारी पिता मुमताज अंसारी ग्राम मोहनियां वार्ड नंबर 16 , मो शाहनवाज उर्फ़ सोनू पिता मो अख्तर सिद्दीकी ग्राम मोहनियां वार्ड नं 16 को दिनांक 4 मार्च 2023 को 35-35 बरस का सश्रम कारावास का सजा सुनाया गया था। 

इस केस में न्यायालय ने आदेश यह भी दिया है कि फाइन की सभी राशि पीड़िता सह सूचिका को दिया जाएगा। न्यायालय ने यह भी आदेश किया कि सूचिका सह पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार कैमूर भभुआं से राशि देने हेतु जो भी उचित सहयोग हो उसे देने के लिए इसकी एक प्रति भेजी गई है। यह फैसला कैमूर जिले के लिए बहुत ऐतिहासिक फैसला है। इस केस की सूचिका सह पीड़िता एवम उसके परिजनों को न्याय मिला है। इस केस में सभी 11 गवाहों की गवाही हुई है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुद्रिका सिंह ने पक्ष रखा ।

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