
चमथा कल्पवास हो रहा अधिकारीयों के उपेक्षा का शिकार , राजा जनक की तिर्थस्थली है चमथा
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Oct 20, 2019
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रिपोर्ट - राकेश कु०यादव
बछवाडा़ (बेगूसराय) ।। गंगा तट के चमथा घाट पर कल्पवास मेला प्रारंभ हुए दस दिन होने को है । एक माह तक चलने वाले इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों समेत नेपाल की तराई क्षेत्र के हजारों कल्पवासी अपनी पर्न कुटिर बना कर डेरा डाल चुके है । मगर सरकारी सुविधाओं घोर आभाव देखा जा है । मेले आए आचार्य अरूण शास्त्री बाबा कहते हैं कि साधु,संत, महात्माओं एवं कल्वासियों के लिए अबतक एक अदद अस्थाई शौचालय का निर्माण भी नहीं कराया गया है , सारे श्रद्धालु खुले में शौच करने को विवश हैं आयोजन समिति के सचिव सह स्थानीय मुखिया श्रीराम राय नें बताया कि चमथा कल्पवास मेले के लिए हर साल सरकार राशियों की फंडिंग करती है । जिले के डीएम एवं स्थानीय पदाधिकारियों के द्वारा अस्थाई शौचालय ,पेयजल , प्रकाश एवं अन्य सुविधाओं का ख्याल रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था हेतु भरपूर महिला एवं पुरूष पुलिस बल तैनात किए जाते रहे हैं । मगर इस वर्ष कल्पवास मेले के नौ दिन गुजरने को है , सरकारी व्यवस्था तो दुर अबतक बछवाडा़ के सीओ ,बीडीओ एवं पुलिस अधिकारी भी सूधि लेने नहीं पहुंचे हैं । जबकि पिछले वर्ष हीं मेले से पुर्व हीं सारी तैयारियाँ युद्ध पर की गयी थी ,और मंत्री श्रवण कुमार स्थित का जायजा लेने पहुंचे थे । आयोजन समिति द्वारा साधु-संतों के लिए तो पेयजल की व्यवस्था की जाती है मगर आम कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं के समक्ष लगभग एक किलोमीटर दुर स्थित मुहल्ले से पानी लाने की विवशता है । वृन्दावन से आए आचार्य सत्येंद्र दास उर्फ नन्हकी बाबा नें बताया कि आदि काल में राजा जनक स्वयं यहां आकर एक माह का कल्पवास किया करते थे । बाबा नें बताया कि पिछले बत्तीस वर्षों से वह प्रति वर्ष यहां आकर पर्न कुटिर में कल्पवास गुजाते हैं । उन्होने कुव्यवस्था से खिन्न होकर कहा कि चमथा कल्पवास मेला इतने उपेक्षा का शिकार पुर्व में कभी नहीं हुआ । सरकारी कुव्यवस्था को देख ग्रामीणों नें चन्दा कर कुछ राशियों की व्यवस्था कर प्रकाश की व्यवस्था तो की है मगर वह भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है । उपरोक्त समस्याओं को लेकर जब बछवाडा़ के बीडीओ डा०विमल कुमार से विचार जानने का प्रयास किया गया तो उन्होने बताया कि शौचालय एवं पेयजल के लिए सम्बंधित जेई से बात हुई है जल्द व्यवस्था की जाएगी । जबकि प्रकाश व्यवस्था पर उन्होने चुप्पी साध ली।
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