
चट्टान नुमा शिवलिंग का दिखता है दुर्लभ नजारा
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Oct 25, 2019
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दुमका से जिला ब्यूरो धनंजय कुमार सिंह की रिपोट (अखिल भारती समाचार)
दुमका हँसडीहा मुख्य मार्ग स्थित बारापलासी बाजार से 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सिरसानाथ बाबा की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है गांव के वयोवृद्ध लोगों के अनुसार सैकड़ों वर्ष पूर्व एक योगी बाबा गांव के सुंदरलाल के सपनों में आए थे और उन्होंने यहां के चट्टान में शिवलिंग होने की जानकारी दी थी बताया जाता है यह इलाका पहले घने जंगलों से घिरा हुआ था बाबा ने सुंदरलाल से कहा था कि बासुकीनाथ से यहां आए हैं और उनके साथ यहां स्थित शिवलिंग की पूजा करना चाहते हैं हतप्रभ सुंदरलाल स्वप्न योगी बाबा से प्रश्न करते हैं कि यहां नो तो शिवलिंग है और न ही मंदिर यह भला पूजा कैसे करेंगे इतना सुनते ही योगी बाबा उन्हें अपने साथ चलने को कहा और उसे लेकर मयूराक्षी नदी के किनारे सरोवर तट के समीप स्थित एक बड़े चट्टान में शिवलिंग की आकृति को दिखाते हुए पूजा कराने का आग्रह किया और वहां बैठकर अपने साथ लाए जलपात्र से शिवलिंग में जल चढ़ाया पूजा के बाद योगी बाबा अंतर्ध्यान हो गए नींद टूटने पर सुंदरलाल के मस्तिष्क में रात देखी गई स्वप्न वाली बात घूमने लगी और वो उस स्थल पर पहुंच गया जहां योगी बाबा लेकर गए थे यहां शिवलिंग की पूजा हुआ देख वह आश्चर्यचकित हो गया इस घटना से वह काफी प्रभावित हुआ और जीवन पर्यंत ब्रह्मचर्य धारण करते हुए प्रतिदिन कामना लिंग भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने लगे
क्या है मान्यताएं
ऐसी मान्यता है कि बासुकीनाथ की तरह सिरसानाथ बाबा भी भक्तों की मुरादें यथाशीघ्र पूरी करते है यहां शिवलिंग की स्थापना कब हुई इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है इसलिए चट्टान नुमा इस शिवलिंग को लोग इसे अनादि लिंग भी कहते हैं भक्तों के द्वारा मनोकामना पूर्ति होने के बाद यहां धर्मशाला और कीर्तन साला भी बनवाया गया ताकि दूरदराज से आए श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो लेकिन वह सभी जर्जर हो चुके हैं प्रशासन की तरफ से यहां पर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है शिव मंदिर के बगल में एक बड़ा तालाब भी है लेकिन कचरे और गंदे जल से भरे हुए हैं जहां पर श्रद्धालु चाह कर भी नहीं जा पाते हैं इतनी ज्यादा गंदगी वहाँ पर है रात के समय रोशनी तक की भी यहां समुचित व्यवस्था नहीं है।
कैसे पहुंचे सिरसानाथ मंदिर
दुमका हँसडीहा मुख्य मार्ग स्थित बारापलासी बाजार से सिरसानाथ जाने के लिए पक्की सड़क से वाहन आसानी से मिल जाते हैं नजदीकी रेलवे स्टेशन बारापलासी से गुजरने वाली सभी ट्रेनें रूकती है वहीं दूसरी तरफ दुमका देवघर मुख्य मार्ग जामा चौक और जामा रेलवे स्टेशन से भी आप सिरसानाथ मंदिर जा सकते हैं कहने का मतलब यह है सिरसानाथ मंदिर पहुंचने के लिए कई मार्ग मौजूद हैं लेकिन एक भी मार्ग चलने लायक नहीं है कहने का मतलब सभी मार्ग बरसों पुरानी गड्ढे नुमा मार्ग है श्रद्धालु डरे डरे इस मंदिर तक पहुंचते हैं
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