
मुख्यमंत्री सलाहकार के गांव में एक अदद पुलिस पिकेट नहीं , ट्रिपल मर्डर के पुलिस छावनी में तब्दील हुआ चमथा
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Nov 06, 2019
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बर्चस्व एवं भुमी विवाद में बहती है खुन की नदियाँ
राकेश कु०यादव:~
बछवाडा़(बेगूसराय):~ जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत को हू-ब-हू चरितार्थ करती दियारा की वारदात पर बेबस पुलिस कि कहानी प्रखंड क्षेत्र में तो जगजाहिर है हीं , मगर शायद जिले के पुलिस कप्तान एवं सरकार के कार्यशैली व ईमान में भी लगातार हो रही गोलियों की गर्जन एवं माह भर में आधे दर्जन मौत के कारण बट्टा लगता दिख रहा है। दियारा के चमथा से लेकर श्रवणटोल तक युं तो अधिकतर गोलीबारी गैरमजरूआ भुमी पर कब्जे जमाने हेतु बर्चस्व के कारण हीं होती है। गौरतलब है कि इसी दियारा के चमथा गांव में पुर्व मुख्य सचिव एवं वर्तमान मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अंजनी कुमार सिंह का घर भी है । बावज़ूद इसके कानून व पुलिस व्यवस्था को धत्ता बताते हुए 05नवम्बर को भुमी विवाद एवं बर्चस्व कि लडाई के कारण हुए भीषण गोलीबारी में एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गयी ।वहीं राजद नेता समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गये । घटना के बाद पिछले चौबीस घंटों से पुलिस छावनी में चमथा गांव तब्दील है । जबकि बछवाडा़ थाना से लगभग दस-पंद्रह किलोमीटर दुर पांच पंचायतों के दियारा क्षेत्र में एक अदद पुलिस पिकेट भी नहीं है। घटना को लेकर ग्रामीणों नें बताया कि दियारा क्षेत्र में जब-जब बर्चस्व एवं भुमी विवाद होती है तो पक्षो द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र बाढ़ ,बख्तयारपुर, मेकरा,मोकामा व समस्तीपुर जिले के बदमाशों को लठैत के तौर पर बुलाया जाता है । घटनाओं के इसी कड़ी में 08 जुलाई 2019 को चमथा गोपटोल में भुमी विवाद को लेकर जमकर गोलीबारी हुई । जिसमें अज्ञात लोगों अपराधियों द्वारा दियारा के किसान परमानन्द राय के 20 वर्षीय पुत्र के गोलु कुमार को गोली मार दी। अचानक हुए गोलियों की गर्जन सुनकर जुटे ग्रामीण दौड़ परे। जहां घायल परे किसान पुत्र को ग्रामीणों ने आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाडा़ में भर्ती कराया । जहां चिकीत्सकों प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज हेतु सदर अस्पताल बेगूसराय रेफर कर दिया है। दियारा के दादुपुर पंचायत स्थित भगवानपुर में विगत 2 अप्रैल को लालो राय एवं चमरू राय को भुमी विवाद एवं बर्चस्व को लेकर अपराधियों नें मौत के घाट उतार दिया । इसके ठिक बाद 16 अप्रैल को इसी गांव के जुगो राय को कृषि कार्य में व्यस्त रहने के अवधि में अपराधियों नें अपनी गोली का शिकार बनाया था । उपरोक्त घटनाएँ तो उदाहरण मात्र है । साल भर में ऐसी-ऐसी दर्जनों घटनाएँ होती हीं रहती है ,जिसमें दर्जनों लोगों की मौत एवं कई लोग घायल होकर बर्चस्व की लडाई एवं भुमी विवाद कि भेंट चढ़ जाते हैं । इस प्रकार के विवाद का कारक प्रशासनिक अपराधियों को भी ठहराया जा सकता है ज्ञात हो कि दियारा निवासी नुनु यादव वनाम रामकरण यादव का भुमी विवाद का मामला डीसीएलआर तेघरा के न्यायालय में चार-पाँच वर्षों से लंबित है । वहीं विशनपूर निवासी भुजन राय नें बताया कि भुमी विवाद का मामला अनुमंडल कोर्ट में वर्ष 2001से हीं लंबित है। मेरे द्वारा हर वर्ष फसल की बुआई की जाती है मगर गांव के हीं हरि राय ,विनोद एवं नोखे राय बाहरी बदमाशों का सहारा लेकर फसल लुट लेते हैं । अनुमंडल कोर्ट ,डीसीएलआर तेघरा एवं प्रशासनिक अपराधियों द्वारा समय रहते अगर भुमी विवाद का निपटारा कर दिया जाता तो इस प्रकार की घटनाओं पर अंकूश लगाया जा सकता है ।
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