न्यायमूर्ति 999 के एमडी रूपधर चौधरी को न्यायालय ने 28 तारीख तक न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

सरायपाली ।। बहुचर्चित न्याय 999 के एमडी रूपधर चौधरी को माननीय न्यायालय ने 28 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाने का आदेश दिया। आदेश के बाद पुलिस ने आरोपी को महासमुंद जेल के बारे में जाने की जानकारी मिली है। इस प्रकरण में 2 आरोपी पहले से ही जेल में है।

न्याय 999 में पुलिस जांच में पाया गया कि कंपनी के पास कोई वैध दस्तावेज कंपनी संचालन के लिए नहीं मिला। आरोपी एमडी रूपधर चौधरी को दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के लिए 2 दिन का समय भी दिया गया था किंतु उसने निर्धारित समय मे दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने के बाद उसे गिरफ्तार कर सरायपाली में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चंद्रकला देवी साहू की अदालत में पेश किया गया था: जहां पुलिस को हस्तक्षेप किए जाने के लिए 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड मिला था जो आज समाप्त हो रहा था। पुलिस द्वारा आज 20 नवंबर को पुनः एमडी रूपधर चौधरी को माननीय न्यायालय के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां बचाव पक्ष के वकील पुरुषोत्तम पटेल ने आवेदन लेता हुवे कहा कि उनके मुवक्किल पर जो आरोप लगाया गया है वे निराधार और गलत है। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनकी दलील को खारिज करते हुवे आगामी 28 नवंबर तक जेल भेजे जाने का आदेश दिया।

इस संबंध में कल 19 नवंबर को पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने प्रेस कांफ्रेंस कर विस्तृत जानकारी देते हुवे कुछ पत्रकारो द्वारा गलत व झूठी सूचनाएं कर जाने को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की थी व ने कहा था कि इस मामले में प्रकरण दर्ज होने के पहले या बाद में। जिन-जिन लोगों ने फंडिंग की थी उन पर भी निगा है। और इशारों-इशारों में उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे पत्रकारो की ओर इशारा भी कर दिया था।

इस संबंध में टी आई श्रीमती मल्लिका तिवारी ने कहा कि सभी स्तर व मुद्दों पर जांच कर पुख्ता प्रमाण एकत्र किया जाएगा ताकि कंपनी द्वारा अवैध प्रलोभन देकर 23999 लोगो को विभिन्न तरीके से सदस्य बनाकर 26 करोड़ 14 लाख 20 हजार 318 करोड़ रुपये की प्रति फर्जी दस्तावेज तैयार किया जा सके। कर उगाही की गई है।

इसके साथ ही सदस्यो के बारे में विस्तार से जानकारी के साथ अन्य मुद्दों पर भी गंभीरता पूर्वक विवेचना की जा रही है। जिन जिन सदस्यो और इस कंपनी से जुड़े होने के दस्तावेज व साक्ष्य मिलेंगे उन लोगो की भी जांच की जाएगी। ज्ञातव्य हो कि इस कंपनी में शिक्षा विभाग के कई शिक्षा कर्मियों के जुड़े होने से संबंधित कुछ जानकारो द्वारा पुलिस अधीक्षक को दी गई थी। जिसमें संघ के एक पूर्व पदाधिकारी को इसका सरगना बताया जा रहा है। उसकी संघ विरोधी कार्यो की वजह से उसे संघ से भी निकाल दिए जाने की जानकारी मिली है।

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