
कोरोना सहायता व खाद्यान्न वितरणको सख्ती से लागू करें --- अध्यक्ष राज्य खाघ आयोग
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Apr 12, 2020
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बिहार से ब्यूरो चीफ देवेन्द्र कुमार की रिपोर्ट
बिहार पटना ।। वैश्विक कोरोना महामारी व लॉक डाउन से उतपन्न खाद्यान्न समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार, बिहार के 01करोड़ 68 लाख राशन कार्डधारी एवं इसके अंतर्गत आने वाले 8 करोड़ 64 लाख गरीब व अंत्योदय परिवारों को आगले तीन महीना तक मुफ्त प्रति यूनिट 5 किलो चावल एवं प्रति परिवार 01 किलो दाल और 1000 रु वितरण का कार्य जारी दिया गया है।यह अप्रैल से जून तक कि चलेगा। ज्ञात हो कि इसके साथ ही प्रति माह मिलने वाला मासिक प्रति यूनिट 5 किलो अनाज( 2 किलो गेहूं एवं 3 किलो चावल ) क्रमशः 2 रु व 3रु किलो के दर से गेंहू व चावल तथा 40एवं 42 रु के दर से एक/डेढ़ लीटर किराशन भी देना है । इसे लेना कतई न भूले । दाल वितरण में कुछ समय लग सकता है
यह अनाज जनवितरण (PDS) प्रणाली के 55,000 जो डीलर हैं उन्ही के द्वारा किया किया जाना है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पॉस मशीन पर उपभोक्ता का टीपा लगाने पर रोक लगा दिया गया है। डीलर द्वारा राशनकार्ड का भौतिक सत्यापन कर उपभोक्ताओ को अनाज उपलब्ध कराना है । माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निदेश पर सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभग के सचिव पंकज पाल नादेश जारी कर जनवितरण प्रणाली की दुकानों को प्रति दिन सुबह 10 से 04 बजे तक खुला रखने का निदेश गया है । इसकी प्रखण्ड स्तर पर मोनेटरिंग के लिए बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ एवं एमओ को संयुक्त रूप से जिम्मेदार दी गयी है । ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के निदेश के आलोक में वर्ष 2017-18 में RTPS द्वारा राशनकार्ड हेतु ऑनलाइन प्राप्त लगभग 34 लाख आवेदनों का जांच की जा रही है । सूत्रों के अनुसार लगभग 3 लाख आवेदनों का जांच कर ली गई है तथा शेष 31 लाख आवेदन जांच प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त नये राशन कार्ड बनाने या उसके लिए सर्वे या आवेदन लेने की अधिकृत घोषणा नही की गई है। हालांकि बहुतों जरूरतमंदो के पास न राशनकार्ड है और न वे ऑनलाइन आवेदन किये है।इनको राहत पहुंचाना एक चुनौतीपूर्ण काम है ? मित्रो! जैसा कि आप जानते है बिहार राज्य खाद्य आयोग कोरोना महामारी और लॉक डाउन के समय से काफी सक्रिय है । दूसरे ही दिन खाद्य पदार्थो का कीमत बढ़ाने वाले बड़े व्यापारियों और भ्रष्ट PDS दुकानदारो पर नकेल कसकर कलाबाजरी व लूट पर एक हद तक रोक लगाने तथा राज्य व राज्य से बाहर फंसे लोगों तक सरकारी निर्णयों काअद्यतन रिपोर्ट पहुचने में सफलता हांसिल किया है । आज 24सोन घण्टा जनसम्पर्क जारी है जिसमे राज्य व दूसरे कई प्रदेशों में फंसे लोगों से सीधे संबन्ध स्थापित की गई है । बिहार कोरोना सहायता एप के माध्यम से ऑनलाइन करने वालों 1000रु की सहायता राशि प्रप्त होने का भी रिपोर्ट आ रही है ।इससे बंचितो को ऑफलाइन आवेदन का प्रारूप तैयार कर ईमेल करने का सुझाव दिया गया है । आज विशेष कोरोना राहत अभियान शुरू हो गया है। इसे प्रत्येक उपभक्ताओ को लाभ दिलाने के लिए आयोग तैयार है । उनका हकमारी नही होने दी जाएगी ।लेकिन यह तब संभव होगा जब लाभुक एवं सामाजिक पंचायत स्तरीय राजनीतिक कार्यकर्ता जागरूक रहेंगे । रिपोर्ट के अनुसार वितरण संबंधित पूर्व का अनुभव संतोषजनक नहीं रह है ।इस महीने सैकड़ो डीलरों और मार्केटिंग अधिकारियों पर करवाई भी हुई है ।ईसके बाबजूद भी कुछ लोगो की नजर गंगा में हाथ सफाई करने में लगी है। ऐसे लोगो पर ध्यान केंद्रित करना है और लोगो तक राहत पहुंचाने में मदद करना हमारा लक्ष्य है । हमे पूरा विश्वास है कि खाद्य आपूर्ति के अधिकारीगण जो दिन रात मेहनत कर रहें है एवं PDS डीलर इसबार राहत और राशन वितरण में किसी तरह का शिकायत नही आने देंगे और वितरण का एक मॉडल स्थापित करेंगे ।राशन उपभोक्ताओं के तरफ से शिकायत आने का मौका नही देंगे। याद रहे उपभोक्ताओं के बीच से इसबार वितरण संबन्धी शिकायत नही मिलनी चाहिए क्योंकि बिहार राज्य खाद्य आयोग का चौतरफा नजर है । यदि भूल से भी कहीं से गड़बड़ी की शिकायत आयी तो संबंधित महानुभाव के विरुद्ध सख्त करवाई के लिए तैयार रहेंगे
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