
जमुई कोरोना का भय तो दूसरी ओर बेमौसम की बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Apr 28, 2020
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जमुई से विजय कुमार की रिपोर्ट
जमुई ।। सोमबार-मंगलबार दोनों दिन हुई बारिश किसानों और ईट उद्योग के लिए आफत ले कर आयी। मौसम ने अचानक मिजाज बदला और एक घंटे से अधिक देर तक हुई बारिश से कई जगह पानी जमा हो गया। गर्मियों में सब्जी के उत्पादक किसान वासकी यादव,अर्जुन यादव,अरविंद मंडल जलधर यादव, दरोगी पासवान,अजय मंडल, आदि ने बताया कि इस बे मौसम से गरमा फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतो मे पानी जमा हो गया है। झींगा, नेनुआ,कद्दू,करेला ,खीरा,ककड़ी आदि लतों मे लगे फल बारिश की चपेट मे आने से उसके सड़ने का खतरा बन गया है। वही पौधो मे लगी फूल झड़ गई है। पिछले दो दिनों से रोज-रोज की बारिश से फसल में कीड़े लगने के साथ उसके पत्ते पीले होने लगे हैं। जिसका सीधा असर सब्जी के उत्पादन पर पडेगा। कोरोना वायरस से हम किसान मरे या न मरे लेकिन प्रकृति की इस मार से हम किसान जरूर मर जायेंगे। किसानो ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉक डाउन से सब्जी की बिक्री प्रभावित हुई है। सब्जी की मांग मे कमी आने से उसका असर कीमत पर भी पड़ा है। पहले से ही परेशानी झेल रहे हम किसानो के लिये बेमौसम हुयी बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। अगर इस तरह मौसम रहा तो किसानों के आय को लाले पड़ जाएंगे। वहीं ईट व्यवसायी बैधनाथ पंडित, रविन्द्र मंडल आदि ने बताया कि बैसाख के महीने से पूर्व ही हम कच्चे ईट की तैयारी में लग जाते थे, इस मौसम में हमारी ईटों की विक्री अच्छी होती थी,लेकिन लॉक डाउन होने से हमारी बिक्री फीकी पड़ गयी है। वहीं बेमौसम बारिश के कारण भट्टे में पकने को जाने वाली ईट गल गई है। मजदूरों को देने को पैसे नहीं है। व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है ।
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