राजनीति का अर्थ सत्ता नहीं, सेवा होना चाहिए

पटना से अभिषेक कुमार निराला की रिपोर्ट

बिहार पटना ।। केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें निरंतर लोगों को भेदभाव न करने सहित तरह-तरह की अपील कर रहे है| वहीं बिहार के जमुई जिला अंतर्गत खैरा प्रखंड में तथाकथित सांसद चिराग पासवान जी के चहेते लोगों के बेटे-भतीजे को कोटा से लाने की अनुमति निर्गत की गई और उन्हें लाया गया| यह अनुमति किस आधार एवं किन के इशारे पर निर्गत की गई| चिराग जी आपने सांसद पद को सुशोभित  इन तमाम जनता  के समर्थन से किया है  ना कि सिर्फ इन चहेते लोगों के  साथ से|एक तरफ सरकार लोगों से अपील कर रही है,वहीं दूसरी तरफ सरकार के कर्मी  एवं सरकार में आसीन लोग  इसका भरपूर उल्लंघन कर रहे हैं| यह दोहरी नीति नहीं चलेगी| जहाँ एक तरफ लॉकडाउन के मंजर में लोगों को घर में कैद किया गया है वहीं दूसरी तरफ सरकारी तंत्र एवं सरकार में बैठे लोग अपने लोगों को लाने में जुटे हुए हैं| मीडिया के लोगों को  प्रशासन द्वारा जानकारी देने से साफ इनकार किया जा रहा है निर्गत किए गए पास को छुपाया जा रहा है  आखिर क्यों ? अगर आप किसी के दबाव में ऐसा किए हैं  तो डरे नहीं खुल कराएँ समाज आपके साथ है|अगर आप एक ही समाज में इस तरह के भेदभाव को करेंगे तो समाज की एक बहुत बड़ी जमायत आक्रोशित हो जाएगी| जिनकी पहुँच है उन्हें अनुमति मिल रही है,जिनकी नहीं है उनका क्या होगा| आपको अपने लोगों की चिंता है क्या अन्य लोगों को अपने लोगों की चिंता नहीं होती होगी



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