इजराइल, इटली के बाद अब चीन का दावा- हम कोरोना की वैक्सीन बनाने के बहुत करीब

इजराइल, इटली के बाद अब उस देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जिसपर कोरोना वायरस को छिपाने और फैलाने का आरोप लगता रहा है। अब चीन ने भी दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की एक वैक्सीन का बंदरों पर सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। बीजिंग की कंपनी सिनोवैक बायोटेक ने यह काेविड-19 वैक्सीन तैयार की है। चीन के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंसानाें से अनुवांशिक ताैर पर समानता रखने वाली प्रजाति के बंदराें पर टेस्ट किया है। माना जाता है कि अगर इन पर दवा काम करती है तो इंसानों पर भी कर सकती है। इन बंदराें काे तीन हफ्ते पहले इन्फेक्ट किया गया था। साइंस जर्नल के मुताबिक रिसर्चर्स ने पाया कि जिन बंदरों को वैक्सीन दी गई थी उनके फेफड़ों से वायरस गायब पाया गया जबकि जिन्हें वैक्सीन नहीं दी गई थी, उनमें निमोनिया देखा गया। चीन में तीन और प्राेजेक्ट क्लिीनिकल ट्रायल के चरण में पहुंच चुके हैं। इससे पहले चूहों पर टेस्ट किया गया है। चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर के मुताबिक सितंबर तक इमर्जेंसी के लिए वैक्सीन तैयार हो सकती है। चीन में अकेडमी ऑफ मिलिटरी मेडिकल साइंसेज की वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार हैं। इससे पहले इजराइल और इटली ने भी कोरोना की वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। इजराइल ने तो यहां तक कह दिया है की अब वो कोरोना की वैक्सीन का पेटेंट लेने की तैयारी में है। वही अमेरिका, ब्रिटेन और भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन पर लगातार शोध कर रहा है।

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